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पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर महत्वपूर्ण वर्चुअल कॉन्फ्रेंस की मेजबानी की

इस्लामाबाद, 8 सितम्बर (आईएएनएस)। पाकिस्तान के निमंत्रण पर, अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के बीच अफगान मुद्दे पर एक वर्चुअल विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की गई। पाकिस्तान के विदेश मंत्री मखदूम शाह महमूद कुरैशी ने बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें चीन, ईरान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान ने भाग लिया। बैठक का एजेंडा आम चुनौतियों का समाधान करने के लिए अफगानिस्तान में उभरती स्थिति की समीक्षा करना और क्षेत्रीय स्थिरता तथा समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए उभरते अवसरों का पता लगाना, अफगानिस्तान के पड़ोसियों को शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान के साझा उद्देश्य के लिए मिलकर काम करने का अवसर प्रदान करना रहा, जो मजबूत आर्थिक संबंध बनाने और कनेक्टिविटी एजेंडा को साकार करने के लिए आवश्यक है। बैठक को संबोधित करते हुए कुरैशी ने कहा कि इस क्षेत्र के घटनाक्रम का अफगानिस्तान, क्षेत्र और दुनिया पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, यह स्पष्ट है कि कोई भी घटनाओं के हाल के मोड़ का अनुमान नहीं लगा सकता - सुरक्षा बलों के मेल्टडाउन से लेकर अफगानिस्तान सरकार के पतन तक। पिछले सभी आकलन और भविष्यवाणियां गलत साबित हुईं। इन घटनाओं की अप्रत्याशित और अचानक प्रकृति के बावजूद, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि बहुप्रतीक्षित रक्तपात नहीं हुआ है। कुरैशी ने सतर्क संतोष व्यक्त किया कि अफगानिस्तान में एक लंबे संघर्ष और गृहयुद्ध की संभावनाएं टल गई हैं और शरणार्थियों का बहुप्रतीक्षित पलायन भी फिलहाल नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, तालिबान ने एक कार्यवाहक ढांचे के गठन की घोषणा की है। हमने इस विकास पर ध्यान दिया है। हमें उम्मीद है कि राजनीतिक स्थिति जल्द से जल्द स्थिर हो जाएगी, जिससे स्थिति सामान्य हो जाएगी। कुरैशी ने कहा कि विभिन्न क्षेत्रीय देशों के साथ उनके हालिया परामर्श के दौरान, अफगानिस्तान से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों की पहचान की गई, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं: - सीमाओं पर सुरक्षा की स्थिति - अफगानिस्तान की धरती को आतंकवादी संस्थाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने से रोकना - शरणार्थियों की ताजा आमद की संभावना - मादक पदार्थों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराध - चरमपंथी तत्वों के किसी भी प्रसार को रोकना - कोविड-19 महामारी से संबंधित चुनौतियां - क्षेत्रीय संपर्क में बाधाएं इसके अलावा, कुरैशी ने यह भी रेखांकित किया कि यदि अफगानिस्तान में शांति सुरक्षित है, तो उसे समृद्ध लाभांश कहा जाता है, जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं: - सुरक्षित सीमाएं - अफगान धरती से आतंकवाद के खतरे का अंत - शरणार्थियों की वापसी की संभावनाएं - आर्थिक स्थिरता और जीवन स्तर में सुधार - कनेक्टिविटी परियोजनाओं की प्राप्ति - उन्नत क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण कुरैशी ने प्रस्तावित किया कि एक शांतिपूर्ण और स्थिर अफगानिस्तान के सामान्य ²ष्टिकोण को प्राप्त करने के लिए, निम्नलिखित कदमों को लागू करने की आवश्यकता है: - अफगान लोगों के साथ पूर्ण समर्थन और एकजुटता की पुष्टि - अफगानिस्तान की एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि - अफगान से जुड़े मुद्दों का अफगान समाधान होना चाहिए - सुनिश्चित करें कि किसी भी देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने दिया जाए - अफगान समाज की बहु-जातीय प्रकृति को रेखांकित करके अफगानिस्तान में राष्ट्रीय सुलह - देश की आर्थिक मंदी को रोकना कुरैशी ने आग्रह किया कि यदि अफगानिस्तान में मानवीय संकट और आर्थिक स्थिरता का आश्वासन दिया जाता है, तो शांति को मजबूत किया जा सकता है और बड़े पैमाने पर पलायन को रोका जा सकता है। --आईएएनएस एकेके/आरजेएस

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