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लीबिया: बदहाल हालात में रह रहे शरणार्थियों व प्रवासियों के लिये योजना की दरकार

शरणार्थी मामलों पर संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी (UNHCR) ने लीबियाई सरकार से, देश में गम्भीर हालात में रहने के लिये मजबूर शरणार्थियों व प्रवासियों की सहायता के लिये तत्काल योजना तैयार किये जाने का आग्रह किया है. यूएन एजेंसी ने कहा है कि इस समस्या से अन्तरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानूनों कें अनुरूप निपटा जाना होगा. यूएन शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, स्थानीय प्रशासन ने इस महीने छापे की कार्रवाई के दौरान मनमाने ढँग से लोगों को गिरफ़्तार किया है. बताया गया है कि इस कार्रवाई में मुख्य रूप से शरणार्थियों व प्रवासियों की आबादियों वाले इलाक़ों को निशाना बनाया गया है. “Since the start of the security raids and arrests by the Libyan authorities in October, we have witnessed a sharp deterioration in the situation facing vulnerable asylum-seekers and refugees in Tripoli” - @cochetel https://t.co/VTitqMebOI — UNHCR, the UN Refugee Agency (@Refugees) October 22, 2021 इसके परिणामस्वरूप, अनेक लोगों की मौत हुई, हज़ारों को हिरासत में लिया गया है और अनेक लोग बेघर और बदहाल हालात में हैं. पश्चिमी और मध्य भूमध्यसागर क्षेत्र के लिये यूएन एजेंसी के विशेष दूत विन्सेन्ट कोखेटेल ने बताया, “त्रिपोली में शरणार्थियों और शरण की तलाश कर रहे निर्बलों के लिये, हमने हालात को तेज़ी से बिगड़ते हुए देखा है.” “लीबियाई प्रशासन को उपयुक्त योजनाओं को तैयार करना होगा, जिसमें अधिकारों का आदर किया जाए और स्थाई समाधानों की शिनाख़्त हो.” यूएन शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि त्रिपोली में क़रीब तीन हज़ार लोगों ने फ़िलहाल एक सामुदायिक केंद्र के बाहर शरण ली हुई है और उनके लिये हालात अनिश्चित व संकटपूर्ण हैं. जोखिमपूर्ण हालात छापे की कार्रवाई से अनेक लोगों पर असर हुआ है, उनके घरों को ध्वस्त किया गया है और भयावह परिस्थितियों को झेलने के बाद, वे हिरासत से बचने के लिये भाग गए हैं. अन्य लोग सुरक्षित निकाले जाने में मदद की उम्मीद के साथ, अन्य शरणार्थियों के समूह में शामिल हो गए हैं. “सुरक्षा कार्रवाई के परिणामस्वरूप, बहुत से लोग बेघर हो गए हैं और उनकी सारी सम्पत्ति खो गई है. उन्हें अब ठण्ड और एक बेहद असुरक्षित माहौल में सोना पड़ रहा है.” यूएन एजेंसी के दूत ने कहा कि “यह पूर्ण रूप से अस्वीकार्य है.” यूएन एजेंसी और उसके साझीदार संगठनों ने सामुदायिक केंद्र पर, चिकित्सा सहायता और अन्य प्रकार की सेवाएँ प्रदान की हैं, मगर सुरक्षा कारणों से इस अभियान को स्थगित करना पड़ा है. यूएन शरणार्थी एजेंसी, सामुदायिक केंद्र के बाहर प्रदर्शन कर रहे लोगों के प्रतिनिधियों से बातचीत कर रही है, ताकि उनके साथ सीमित सहायता (नक़दी और खाद्य सहायता) की उपलब्धता पर जानकारी साझा की जा सके. पिछले सप्ताह, यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने भी एक ऐलर्ट जारी करते हुए, अक्टूबर महीने की शुरुआत से प्रवासियों व शरणार्थियों को निशाना बनाने की कार्रवाई पर चिन्ता जताई थी. लीबिया में आन्तरिक मामलों के मंत्रालय द्वारा, त्रिपोली से 12 किलोमीटर दूर गेरगरेश में स्थित एक अस्थाई बस्ती में छापे की कार्रवाई के दौरान, कथित रूप से अनावश्यक व ग़ैर-आनुपातिक बल प्रयोग किया. इस कार्रवाई में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हुई है, पाँच घायल हुए हैं और चार हज़ार से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें महिलाएँ, बच्चे और पुरुष हैं. मानवीय सहायता यूएन एजेंसी ने दोहराया है कि लीबिया में प्रवासियों व शरणार्थियों की व्यथा के मद्देनज़र, संगठन तात्कालिक कार्रवाई योजना को अपना समर्थन देने के लिये तैयार है. इस क्रम में, मानवीय आधार पर, सुरक्षित देश से बाहर जाने की उड़ानों को फिर शुरू किये जाने का स्वागत किया गया है. मगर, यूएन एजेंसी ने सचेत किया है कि यह पर्याप्त नहीं है. “कुछ निर्बल शरणार्थियों के लिये यह एक सकारात्मक घटनाक्रम है, जो अनेक महीनों से जाने के लिये, बेचैनी से प्रतीक्षा कर रहे हैं.” “हमारी टीम पहले से ही यह सुनिश्चित करने के लिये काम कर रही है कि मानवीय उड़ानों को जल्द से जल्द शुरू किया जा सके.” शरणार्थी संगठन ने कहा कि यह भी ध्यान रखा जाना होगा कि फिर से बसाये जाने और सुरक्षित बाहर निकालने वाली उड़ानों से सीमित संख्या में ही लोगों को लाभ पहुँचेगा. बताया गया है कि एक हज़ार से अधिक निर्बल शरणार्थी और शरण की तलाश कर रहे लोगों को, मानवीय उड़ानों के लिये प्राथमिकता के तौर पर चिन्हित किया गया है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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