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कोविड-19: बूस्टर स्थगन व डेल्टा वैरिएंट से लड़ने के लिये धन अपील

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी (WHO) के मुखिया डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कोरोनावायरस वैक्सीन के बूस्टर टीके दिये जाने से पहले, कोविड-19 की वैक्सीन, उन देशों में भेजे जाने का आग्रह किया है जहाँ स्वास्थ्यकर्मियों व निर्बल समूहों का टीकाकरण अभी तक नहीं हो पाया है. यूएन एजेंसी ने, साथ ही कोरोनावायरस के डेल्टा वैरिएंट का मुक़ाबला करने के लिये, रक़म जुटाने की अपील भी जारी की गई है. कोविड-19 वैक्सीन के अब तक, चार अरब 51 करोड़ से ज़्यादा टीके लगाए जा चुके हैं. विश्व भर में कुल वैक्सीन आपूर्ति का 75 फ़ीसदी हिस्सा, केवल 10 देशों में इस्तेमाल हुआ है. निम्न-आय वाले देशों ने अपनी आबादी के केवल दो फ़ीसदी हिस्से का ही टीकाकरण किया है. Media briefing on #COVID19 with @DrTedros https://t.co/V3JBYLIcj5 — World Health Organization (WHO) (@WHO) August 18, 2021 इसके मद्देनज़र, विश्व स्वास्ध्य संगठन के महानिदेशक घेबरेयेसस ने बुधवार को जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए दोहराया कि बूस्टर ख़ुराक दिये जाने पर स्वैच्छिक रोक लगाई जानी होगी. “पिछले सप्ताह, WHO ने दुनिया भर के दो हज़ार विशेषज्ञों को साथ लाते हुए, बूस्टर ख़ुराकों के सम्बन्ध में उपलब्ध डेटा पर चर्चा की.” “यह स्पष्ट है कि बूस्टर ख़ुराकें दिये जाने से पहले, सबसे निर्बलजन को पहले टीके लगाया जाना व उनकी रक्षा करना बेहद अहम है.” वैक्सीन ख़ुराकें उन देशों में भेजे जाने पर बल दिया गया है, जहाँ अभी स्वास्थ्यकर्मियों और जोखिम झेल रहे समूहों को टीके नहीं मिल पाए हैं, और जहाँ संक्रमण मामले बढ़ रहे हैं. उन्होंने, इस क्रम में जॉनसन एण्ड जॉनसन कम्पनी से आग्रह किया कि धनी देशों को वैक्सीनों की आपूर्ति से पहले, तात्कालिक रूप से अफ़्रीका के लिये ख़ुराकों के वितरण को प्राथमिकता दी जानी होगी. वैक्सीन राष्ट्रवाद से नुक़सान उन्होंने आगाह किया कि वायरस निरन्तर अपना रूप बदल रहा है, और इसलिये संकीर्ण राष्ट्रवादी मक़सदों को ध्यान में रख कर निर्णय लेना, नेताओं के सर्वोत्तम हित में नहीं है. महानिदेशक घेबरेयेसस के मुताबिक़, मज़बूत राष्ट्रीय नेतृत्व के ज़रिये, न्यायसंगत टीकाकरण और वैश्विक एकजुटता के प्रति पूर्ण प्रतिबद्धता दर्शाई जा सकती है. इसके ज़रिये, ज़िन्दगियाँ बचाने और वायरस के रूपों व प्रकारों की रोकथाम करने में मदद मिलेगी. “वैक्सीन अन्याय, पूर्ण मानवता के लिये शर्मनाक है और अगर हमने इसका एकजुटता के साथ सामना नहीं किया, तो इस महामारी का यह चरण, सालों तक खिंचेगा, जबकि इसे कुछ महीनों में ही ख़त्म किया जा सकता है.“ उन्होंने इटली की राजधानी रोम में 5-6 सितम्बर को आयोजित हो रही जी20 समूह के स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक के दौरान, इस ऐतिहासिक, नाज़ुक लम्हे की अहमियत को समझने और एकजुटता को अपनाए जाने का आग्रह करने की बात कही है. स्वास्थ्य संगठन के शीर्षतम अधिकारी ने ध्यान दिलाते हुए कहा कि पिछले वर्ष, इस समय, उन्होंने वैक्सीन राष्ट्रवाद के ख़तरों के प्रति चेतावनी जारी की थी. उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में देशों से वैक्सीन ख़ुराकें साझा किये जाने और उत्पादन क्षमता को न्यायसंगत ढंग से मज़बूती प्रदान किये जाने का अनुरोध किया गया है. “कुछ देश अब ख़ुराकें साझा कर रहे हैं. इनमें सबसे बड़ा अमेरिका है, जिसकी हम सराहना करते हैं और अन्य देशों को तेज़ी से और ख़ुराकें साझा करने के लिये प्रोत्साहित करते हैं.” डेल्टा वैरिएंट का फैलाव चिन्ताजनक महानिदेशक घेबरेयेसस ने आगाह किया कि कोरोनावायरस का डेल्टा वैरिएंट, सामूहिक प्रयासों के लिये मुश्किलें पैदा कर रहा है. बुरी तरह चपेट में आए देशों में, संक्रमित लोगों के अस्पतालों में भर्ती होने और मृतक संख्या बढ़ने के मामले उन्हीं इलाक़ों में हैं, जहाँ टीकाकरण की दर कम है और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय सीमित रूप से लागू हैं. “डेल्टा और मौजूदा प्रकारों की चुनौतियों के लिये हमारे पास समाधान हैं.” “इसी वजह से रणनैतिक तैयारी व जवाबी कार्रवाई योजना के लिये तत्काल, अतिरिक्त एक अरब अमेरिकी डॉलर की आवश्यकता है.” इसके समानान्तर, एक्ट-एक्सीलरेटर पहल के तहत सात अरब 70 करोड़ डॉलर की रक़म जुटाने की एक अपील जारी की गई है. इसका उद्देश्य, परीक्षणों, ऑक्सीजन की आपूर्ति, उपचारों, टीकाकरण व स्वास्थ्यकर्मियों के लिये निजी बचाव सामग्री व उपकरणों का स्तर बढ़ाना, और स्वास्थ्य औज़ारों की अगली पीढ़ी के लिये शोध व विकास को सम्भव बनाना है. विश्व में कोरोनावायरस के अब तक 20 करोड़ 84 लाख मामलों की पुष्टि हो चुकी है, और 43 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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