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इटली ने श्रमिकों के लिए ग्रीन पास नियम अनिवार्य किया गया

रोम, 16 अक्टूबर (आईएएनएस)। इटली ने देश भर के सभी श्रमिकों के लिए कोविड-19 ग्रीन पास अनिवार्य कर दिया है। जिसे सरकार ने 16 सितंबर को पेश किया था और नियमों को समायोजित करने के लिए कंपनियों और नियोक्ताओं को एक महीने का समय दिया था। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार ग्रीन पास एक प्रमाण पत्र है जो इस बात का प्रमाण देता है कि किसी व्यक्ति को टीके की कम से कम एक खुराक मिली है, वह पूरी तरह से प्रतिरक्षित है, संक्रमण से ठीक हो गया है, या पिछले 48 घंटों में नकारात्मक परीक्षण किया है। निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों के सभी श्रमिकों के लिए जनादेश शुक्रवार से लागू हो गया है। नियम में यह प्रावधान है कि ग्रीन पास दिखाने में विफल रहने वाले किसी भी कर्मचारी को अवैतनिक अवकाश पर रखा जाएगा, लेकिन उसे बर्खास्त नहीं किया जा सकता था। इसका पालन नहीं करने पर उन्हें 1,500 यूरो (1,740) तक का जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। ग्रीन पास के साथ अपने कर्मचारियों को नौकरी के पदों में प्रवेश करने की जाँच करने के लिए नियोक्ताओं को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जहां इटली की अधिकांश आबादी ने इसे सामान्य जीवन की ओर आगे बढ़ने के लिए आवश्यक माना, वहीं इस कदम को समाज के कुछ हिस्सों द्वारा विरोध का सामना करना पड़ा। शुक्रवार को कुछ शहरों में सिट-इन और रैलियां निकाली गईं, जिनमें से सबसे बड़ी रैली जेनोआ और ट्राइस्टे में हुई। क्षेत्रीय गवर्नर मासिमिलियानो फेड्रिगा ने निजी ऑल-न्यूज टीवी चैनल स्काई टीजी 24 को बताया कि कुछ 5,000 प्रदर्शनकारियों ने ट्राइस्टे में प्रदर्शन किया, जहां कुछ प्रमुख बंदरगाह की गतिविधियां प्रभावित हुईं। जेनोआ और एंकोना (मध्य इटली) के बंदरगाहों से पहले यातायात व्यवधान की सूचना मिली थी। रोम, मिलान, ट्यूरिन और वेनिस में भी छोटे विरोध प्रदर्शन देखे गए। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इटली में, लक्षित आबादी का 0.8 प्रतिशत, 12 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को कोविड -19 के खिलाफ पूरी तरह से प्रतिरक्षित किया गया है, और 85 प्रतिशत से अधिक लोगों को पहली खुराक मिली है। इस बीच, 12 वर्ष से अधिक आयु के कम से कम 8 मिलियन लोगों को अभी तक वैक्सीन की पहली खुराक नहीं मिली है। जैब मार्केट में कोविड-विरोधी प्रोटोकॉल के मामले में इतना आगे जाने वाला इटली पहला यूरोपीय संघ देश है। सरकार पहले चरण में धीरे-धीरे आगे बढ़ी थी, जिससे केवल स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे आवश्यक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए टीके अनिवार्य कर दिए गए थे। --आईएएनएस एमएसबी/एएनएम

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