India unleashed Pakistan's pole in UN Security Council
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत ने पाक की पोल खोली

भारत के अस्थायी सदस्य बनने के बाद विदेश मंत्री का पहला संबोधन नई दिल्ली, 13 जनवरी (हि.स.)। भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनने के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने इस मंच से पहले संबोधन में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत की प्रतिबद्धता दोहरायी। आतंकवाद को मानवता के सामने सबसे बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर पाकिस्तान और चीन के रुख पर भी निशाना साधा। उन्होंने विश्व समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई का आह्वान करते हुए कहा कि इसपर जीरो टॉलरेंस की जरूरत है। विदेश मंत्री ने `बीस साल में आतंकवाद से लड़ाई में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और आतंकवादी कृत्यों के कारण अंतर्राष्ट्रीय शांति व सुरक्षा को खतरा` विषय पर मंगलवार को यूएनएससी की मंत्री स्तरीय बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस महीने पंद्रह सदस्यीय सुरक्षा परिषद् में भारत के अस्थायी सदस्य के रूप में दो साल के कार्यकाल की शुरुआत हुई जिसके बाद विदेश मंत्री ने पहली बार इसे संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आतंकवादी या आतंकी संगठन पर पाबंदी लगाए जाने की राह में रोड़ा अटकाने की प्रवृत्ति बंद होनी चाहिए। भारत ने जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रयास किए लेकिन इसमें अड़ंगा लगाया गया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमें दोहरा मापदंड नहीं अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो आतंकवाद को छिपाने या संरक्षण देने का काम करते हैं, वे भी इसके लिए दोषी हैं। उन्होंने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि 1993 के मुंबई बम धमाकों के लिए आपराधिक संगठनों को न केवल सरकारी संरक्षण मिल रहा है बल्कि वे आतिथ्य का आनंद उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद रोधी समितियों के कामकाज में सुधार की जरूरत है और उसे ज्यादा पारदर्शी व जवाबदेह बनाया जाना, समय की मांग है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित किए जाने को लेकर भारत की तरफ से आठ सूत्री एजेंडा दिया। हिन्दुस्थान समाचार/ संजीव-hindusthansamachar.in

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