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चीन का एक मरुस्थल कैसे बना विश्व में सबसे बड़ा कृत्रिम वन क्षेत्र

बीजिंग, 25 अगस्त (आईएएनएस)। सैहानपा चीन के हपेइ प्रांत में स्थित है, जो राजधानी पेइचिंग के उत्तर में चार सौ से अधिक किमी दूर है । यहां विश्व का सबसे बड़ा कृत्रिम वन मौजूद है, जिसका क्षेत्रफल लगभग 11 लाख 20 हजार चीनी मू (एक मू लगभग 0.067 हेक्टेयर के बराबर) है । यहां कुल 48 करोड़ पेड़-पौधे हैं । अगर एक मीटर में एक पेड़ हो ,तो उसकी लंबाई हमारी पृथ्वी की भू मध्यरेखा से 12 गुना से अधिक होगी, लेकिन पिछली सदी के 60 वाले दशक के शुरू तक सैहानपा एक मरुस्थल और उजाड़ स्थल था। वहां अकसर रेतीले तूफान आते थे। पिछली सदी के 60 के दशक की शुरूआत में चीन सरकार ने राजधानी पेइचिंग का पर्यावरण सुधारने और उत्तर में मरुस्थीलकरण की रोकथाम के लिए सैहानपा में एक वन फार्म स्थापित करने का फैसला किया । वर्ष 1961 में राजकीय वन मंत्रालय के विशेषज्ञों ने सैहानपा का सर्वेक्षण किया । वहां उन्होंने सिर्फ एक बड़ा पेड़ देखा, जो कि सैंकड़ों वर्ष पुराना होगा। इस इकलौते पेड़ ने उनके दिल में आशा की किरण जगायी, वह एक देवदार का वृक्ष था, जो कि अब तक वह जीवित है। यह सैहानपा का गौरवशाली वृक्ष माना जाता है क्योंकि उस के बिना आज का सैहानपा नहीं होता । दो साल की मशक्कत के बाद सैहानपा में पहली पीढ़ी के वन मजदूरों ने 6400 देवदार के पौधे लगाये। लेकिन वर्ष 1964 की सर्दियों में भारी बर्फबारी से 90 प्रतिशत से अधिक पौधे खत्म हो गए, लेकिन मजदूरों ने हिम्मत नहीं हारी और पेड़ लगाते रहे । वर्ष 1977 में एक शीत लहर की आपदा से दो लाख मू पेड़ नष्ट हो गए और वर्ष 1980 में सूखे से 1 लाख 20 हजार मू के पेड़ मुरझा गये । वहां के कर्मचारी और मजदूर अपने कार्य में डटे रहे । कठोर परिश्रम के कारण अंत में विश्व का सबसे बड़ा कृत्रिम वन क्षेत्र के रूप में उभरा ,जो सचमुच पर्यावरण संरक्षण में एक कमाल है। वर्ष 2017 में सैहानपा वन फॉर्म के निमार्ताओं को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण संरक्षण का सबसे बड़ा सम्मान---पृथ्वी संरक्षण पुरस्कार मिला। वर्तमान में सैहानपा प्रति साल 5 लाख 50 हजार टन आक्सीजन रिलीज करता है और पेइचिंग व थ्येनचिन शहर को 13 करोड़ 70 लाख घनमीटर स्वच्छ पानी की सप्लाई करता है, जो उत्तर चीन की एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी पट्टी बन गया है । इधर के कुछ सालों में सैहानपा एक मशहूर पर्यटन स्थल भी बन गया है । हर साल 5 लाख से अधिक पर्यटक वहां जाते हैं । पर्यटन उद्योग की आय करोड़ों युआन में होती है । सैहानपा के परिवर्तन से यह साबित होता है कि हरित नदी और पहाड़ अनमोल संपत्ति होते हैं। (साभार---चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) --आईएएनएस आरजेएस

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