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वैश्विक वैक्सीन रणनीति पेश - वर्ष के अन्त तक 40 फ़ीसदी आबादी के टीकाकरण का लक्ष्य 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोविड-19 महामारी से पूरी तरह उबरने के लिये, गुरूवार को आठ अरब डॉलर की एक रणनीति पेश की है, जिसका लक्ष्य कोरोनावायरस टीकों को सर्वजन के लिये, हर स्थान पर सुलभ बनाना है. वैश्विक कोविड-19 टीकाकरण रणनीति (Global COVID-19 Vaccination Strategy) की मदद से सभी देशों में इस वर्ष के अन्त तक 40 प्रतिशत लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है. वर्ष 2022 के मध्य तक इस आँकड़े को बढ़ाकर 70 फ़ीसदी तक ले जाने की योजना है. The 🆕 Strategy launched today aims to help bring an end to what has become a two-track #COVID19 pandemic: people in poorer countries continue to be at risk while those in richer countries with high vaccination rates enjoy much greater protection. 👉https://t.co/TIshOPIbiO pic.twitter.com/hgIljVVGNE — World Health Organization (WHO) (@WHO) October 7, 2021 इससे पहले, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने देशों की सरकारों से सितम्बर महीने के अन्त तक दुनिया की 10 फ़ीसदी आबादी के टीकाकरण किये जाने का आहवान किया था. लेकिन, 55 से अधिक देशों में इस लक्ष्य को हासिल नहीं किया जा सका है – इनमें अधिकाँश देश अफ़्रीका और मध्य पूर्व क्षेत्र में हैं. यूएन महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रणनीति को पेश किये जाने के लिये आयोजित एक वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए, देशों से एकजुट होने और इस रणनीति को सफल बनाने की पुकार लगाई है. महासचिव गुटेरेश पिछले कई महीनों से वैश्विक टीकाकरण योजना पर सहमति बनाने के लिये प्रयासरत रहे हैं. उन्होंने कहा, “समन्वित, न्यायोचित प्रयासों के बग़ैर, किसी एक देश में मामलों में गिरावट को लम्बे समय तक बरक़रार नहीं रखा जा सकेगा.” “हर किसी के हित में, हमें जल्द से जल्द सभी देशों में टीकाकरण कवरेज के दायरे को उच्च स्तर पर ले जाना है.” महामारी के दो अलग-अलग रास्ते गुरूवार तक, विश्व भर में कोविड-19 के 23 करोड़ 56 लाख संक्रमण मामलों की पुष्टि हुई है और 48 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. नई रणनीति के तहत, विश्व में 11 अरब टीकों को उपलब्ध कराया जाना होगा. यूएन एजेंसी के मुताबिक़, दो अलग-अलग रास्तों पर चलती महामारी पर क़ाबू पाने के लिये यह ज़रूरी है. एक ओर वे देश हैं जहाँ व्यापक टीकाकरण के बाद जीवन सामान्य हो रहा है जबकि अन्य देशों में हालात अब भी सम्वेदनशील बने हुए हैं. दुनिया भर में सितम्बर महीने के अन्त तक कोरोनावायरस वैक्सीन की साढ़े छह अरब ख़ुराकों को दिया गया है, और विश्व की लगभग एक-तिहाई आबादी का पूर्ण रूप से टीकाकरण किया जा चुका है. इसके बावजूद टीकाकरण प्रयासों में गहरी विषमता बनी हुई है. यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने जिनीवा में संगठन के मुख्यालय से सम्बोधित करते हुए कहा, “अब तक तैयार कुल वैक्सीन के 75 फ़ीसदी का इस्तेमाल उच्च और ऊपरी-मध्य आय वाले देशों में हुआ है.” इस बीच, निम्न आय वाले देशों को 0.5 प्रतिशत ख़ुराकें ही मिल पाई हैं. अफ़्रीका में केवल पाँच फ़ीसदी लोगों का ही पूर्ण टीकाकरण हो पाया है. सर्वजन के लिये वैक्सीन वैश्विक स्तर पर फ़िलहाल टीकों की हर महीने डेढ़ अरब ख़ुराकों का उत्पादन हो रहा है. महानिदेशक घेबरेयेसस ने कहा कि हमारे लक्ष्यों को पाने के लिये टीकों की पर्याप्त आपूर्ति हैं, मगर उन्हें न्यायसंगत ढँग से वितरित किया जाना होगा. “यह आपूर्ति की समस्या नहीं है; यह आवण्टन की समस्या है.” इस रणनीति में टीकाकरण के लिये तीन-स्तरीय तरीक़े सुझाये गए हैं. इसके तहत, पहले वृद्धजनों, स्वास्थ्यकर्मियों और सभी आयु वर्गों में उच्च जोखिम झेल रहे समूहों को रक्षा कवच प्रदान किया जाना होगा. सभी देशों में फिर वयस्कों को टीकाकरण के दायरे में लाना होगा, जिसके बाद किशोरों को ख़ुराकें दी जानी होंगी. निर्धन देशों के लिये वैक्सीन की व्यवस्था करने के लिये, कोवैक्स एकजुटता पहल और अफ़्रीकी वैक्सीन ख़रीद ट्रस्ट (AVAT) के तहत वित्तीय इन्तेज़ाम किये चुके हैं, लेकिन अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता है. औज़ार हैं उपलब्ध महानिदेशक घेबरेयेसस ने वैक्सीन विनिर्माताओं से कोवैक्स और AVAT के साथ अनुबन्धों को प्राथमिकता देने और उन्हें पूरा किये जाने का आग्रह किया है. साथ ही ज़ोर देकर कहा है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बरते जाने की आवश्यकता है और सभी क्षेत्रों में उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिये प्रयास किये जाने होंगे. उन्होंने कहा कि वैक्सीन का उत्पादन करने वाले देशों निर्मित वैक्सीनों व कच्चे माल के सीमा-पार प्रवाह की अनुमति देनी चाहिए. ज्ञान, टैक्नॉलॉजी और लाइसेन्स को साझा करने की प्रक्रिया सरल बनानी होगी. देशों की सरकारों से राष्ट्रीय वैक्सीन लक्ष्यों में ज़रूरी बदलाव करने का आग्रह किया गया है ताकि विनिर्माण के लिये निवेश और वैक्सीन वितरण कार्य को आगे बढ़ाया जा सके. यूएन एजेंसी प्रमुख ने कहा कि वैक्सीन आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले, अगर सभी देश और कम्पनियाँ, कोवैक्स और AVAT को प्राथमिकता दें, तो वैक्सीन वितरण और उन्हें दान दिये जाने के लक्ष्यों को पूरा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी पर क़ाबू पाने के लिये औज़ार उपलब्ध हैं, लेकिन उनका उपयुक्त इस्तेमाल और न्यायसंगत वितरण आवश्यक है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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