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बालिका शक्ति: ताजिकिस्तान से कोस्टा रीका तक, डिजिटल लैंगिक खाई को पाटने के प्रयास

विश्व भर में टैक्नॉलॉजी और इण्टरनेट के इस्तेमाल में लैंगिक खाई बढ़ रही है, मगर सीरिया से लेकर कोस्टा रीका तक इस दरार को पाटने के लिये लड़कियाँ पुरज़ोर प्रयास कर रही हैं. सोमवार, 11 अक्टूबर, को ‘अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर, वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान डिजिटल प्लैटफ़ॉर्म के इस्तेमाल में आई तेज़ी को रेखांकित किया जा रहा है. इण्टरनेट का इस्तेमाल करने वालों में लैंगिक खाई वर्ष 2013 में 11 प्रतिशत थी, जो कि 2019 में बढ़कर 17 प्रतिशत हो गई है. विश्व के सबसे कम विकसित देशों में यह 43 प्रतिशत तक पहुँच गई है. इस अन्तरराष्ट्रीय दिवस पर, ऑनलाइन माध्यमों की सुलभता में लड़कियों के लिये भिन्न-भिन्न प्रकार की वास्तविकताओं के साथ-साथ, लैंगिक खाई को पाटने के लिये जारी प्रयासों को दर्शाया जा रहा है. When girls are empowered to reach their full potential, everyone benefits. It is our responsibility to join with them in all their diversity, amplify their power and solutions as digital change-makers, and address the obstacles they face in the digital space. #DayOfTheGirl pic.twitter.com/lPSqTjkkuu — António Guterres (@antonioguterres) October 11, 2021 संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने ‘अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ पर अपने सन्देश में ध्यान दिलाया है कि लड़कियाँ और सभी अन्य एक डिजिटल पीढ़ी का हिस्सा हैं. ‘हमारा दायित्व’ “यह हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम उनकी विविधताओं के साथ जुड़े, डिजिटल बदलाव वाहकों के रूप में उनकी शक्ति व समाधानों को बढ़ावा दें, और डिजिटल जगत में सामने आने वाले अवरोधों को दूर करें.” लड़कियों के लिये डिजिटल समानता सुनिश्चित करने के सफ़र को एक लम्बी चढ़ाई बताया गया है. दो-तिहाई से अधिक देशों में, विज्ञान, टैक्नॉलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित (Science, Technology, Engineering, Maths / STEM) विषयों में लड़कियों की हिस्सेदारी महज़ 15 प्रतिशत है. मध्य और उच्चतर-आय वाले देशों में, विज्ञान और गणित विषयों में शीर्ष प्रदर्शन करने लड़कियों में केवल 14 प्रतिशत की ही विज्ञान और गणित में कामकाज की सम्भावना थी. शीर्ष प्रदर्शन करने वाले लड़कों के लिये यह आँकड़ा महज़ 26 फ़ीसदी है. यूएन प्रमुख ने कहा, “इन क्षेत्रों में लड़कियों के पास समान क्षमता और असाधारण सम्भावना है, और जब हम उन्हें सशक्त बनाते हैं, हर किसी को लाभ पहुँचता है.” उन्होंने ध्यान दिलाया कि राजनैतिक करियर की शुरुआत से पहले ही वह पोर्तुगल की राजधानी लिस्बन में एक शिक्षक के तौर पर इसका अनुभव कर चुके हैं. साथ ही, वो इस बात के भी प्रत्यक्षदर्शी हैं कि शिक्षा में व्यक्तियों और समुदायों के उत्थान की शक्ति है. “इसके बाद से ही, उस अनुभव ने शिक्षा में लैंगिक समानता के लिये मेरे दर्शन को आगे बढ़ाया है.” महासचिव गुटेरेश ने बताया कि डिजिटल लैंगिक दरार को पाटने के लिये निवेश के ज़रिये सर्वजन के लिये लाभ सुनिश्चित किया जा सकता है. इस क्रम में, संयुक्त राष्ट्र ने टैक्नॉलॉजी व नवाचार पर एक लैंगिक समानता कार्रवाई गठबंधन (Generation Equality Action Coalition on Technology and Innovation) स्थापित किया है. इस पहल का उद्देश्य लड़कियों के लिये डिजिटल सुलभता, कौशल व सृजनात्मकता को सहारा प्रदान करने के लिये सरकारों, नागरिक समाज, निजी सैक्टर और युवा नेताओं को एक साथ लाना है. “संयुक्त राष्ट्र लड़कियों के साथ मिलकर कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध है, ताकि यह पीढ़ी, वे चाहे जो भी हों और चाहें उनकी जो भी परिस्थितियाँ हों, अपनी सम्भावनाओं को पूर्ण रूप से साकार कर सकें.” एक बानगी ‘अन्तरराष्ट्रीय बालिका दिवस’ के अवसर पर, संयुक्त राष्ट्र ने उन लड़कियों को श्रृद्धांजलि दी है जो अपने डिजिटल टैक्नॉलॉजी कौशल का इस्तेमाल, अपने लिये नए रास्तों को खोलने की चाबी के तौर पर कर रही हैं. एक नज़र, पाँच देशों से पाँच लड़कियों की कहानियों पर, जो टैक्नॉलॉजी के ज़रिये अपने भविष्य को संवारने का प्रयास कर रही हैं. सीरिया: युवाओं के लिये बेहतर रोज़गार मैडेलीन जब चार साल पहले, टैलीकॉम इंजीनियरिंग की पढ़ाई के अपने बचपन के सपने को पूरा करने के लिये पहली बार दमिश्क आईं, तो वे महत्वाकाँक्षाओं से भरी हुईं थी. © UNICEF Syria/Mohamad Kaisanie मैडेलीन, प्रशिक्षण कार्यशाला के अपने अनुभव का इस्तेमाल कर रही हैं. पहले अकादमिक वर्ष में उनके पिता की स्तब्धकारी मौत के बाद उनके लिये बेहद दबाव था, उन्हें याद था कि वो मैडेलीन और उनके भाई-बहनों की शिक्षा के लिये कितना अरमान और आशाएँ थी. और इसलिये उन्होंने और भी ज़्यादा लगन व मेहनत से पढ़ाई की. अब, मैडेलीन उन 60 किशोरों में से एक हैं जो कम्पयूटर नैटवर्क की देखरेख पर आधारित, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ़) समर्थित एक पाठ्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. श्रीलंका: लड़कियों के आत्मविश्वास को मज़बूती ‘NextGen Girls in Technology’, संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवँ सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) का एक कार्यक्रम है जिसे पुरस्कृत किया जा चुका है. © UNESCO 14 वर्षीय दियाथमा, श्रीलंका के महारगमा में कक्षा 9 की छात्रा हैं. इसके ज़रिये, घरों पर रहने के लिये मजबूर लड़कियों को डिजिटल कौशल में अपनी दिलचस्पी को पहचाने के लिये मदद दी जा ही है. इनमें इण्टरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) और प्रोग्रैमिंग भी हैं. वैश्विक महामारी की शुरुआत से अब तक, इस कार्यक्रम के तहत पाठ्यक्रमों की मदद से क़रीब ढाई हज़ार प्राथमिक व माध्यमिक स्कूल स्तर के छात्रों और 500 अध्यापकों तक पहुँचने में सफलता मिली है. 14 वर्षीय दियाथमा उन्हीं छात्रों में से हैं, और वह अपने आयु-वर्ग में हैकॉथॉन कोडिंग प्रतिस्पर्था जीत चुकी हैं. कैमरुन: डिजिटल व रोज़गार दरारों को पाटना 12 वर्षीया हप्पी तियेन्तचेयू ने हाल ही में अफ़्रीकी लड़कियों के लिये एक कोडिंग शिविर में हिस्सा लिया है. © UNECA/Abel Akara Ticha 12 वर्षीया हप्पी तियेन्तचेयू (मध्य) उनकी टीम द्वारा विकसित प्रणाली के बारे में जानकारी दे रही हैं. हप्पी और उनके समूह, Dangerous, ने लड़कियों के लिये एक अनुस्थापन प्रणाली (Orientation System) विकसित की है. यह एक ऑनलाइन ऐनीमेशन प्लैटफॉर्म है जिसके ज़रिये लड़कियों और महिलाओं को सूचना तकनीक व संचार में करियर की तलाश करने के लिये सहायता प्रदान की जा रही है. कैमरून और ऑनलाइन माध्यमों पर, कुल मिलाकर, कोडिंग शिविर में अब तक 70 अविष्कार किये जा चुके हैं, जिसमें साढ़े आठ हज़ार युवा अफ़्रीकी लड़कियों और महिलाओं की भागीदारी रही है. ताज़िकिस्तान: रूढ़ीवादिता पर पार पाना नूरजान तोलिबोफ़ा 17 वर्ष की हैं और दुशान्बे में एक प्रोग्रामर हैं. वो युवा एवँ नवाचार प्रयोगशाला (Youth Innovation Laboratory) के अन्तर्गत ‘PeshSaf’ नामक एक परियोजना में शामिल हुई हैं ताकि अपने कोडिंग व टैक्नॉलॉजी कौशल को निखार सकें. © UNICEF Tajikistan/2020/U. Faz नूरजान को आशा है कि अन्य लड़कियाँ बी STEM क्षेत्र में प्रवेश करेंगी. नूरजान का मानना है कि लैंगिक रूढ़ीवादिताएँ अब भी ग़ैर-पारम्परिक क्षेत्रों, जैसे कि STEM विषय, में महिलाओं को प्रभावित कर रही हैं. इसके बावजूद, नूरजान दुनिया भर में लड़कियों को अपने सपनों को साकार करने के लिये पूरे प्रयास करने के लिये मज़बूती से प्रोत्साहित करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि टैक्नॉलॉजी पढ़ने से डरना नहीं चाहिए, भले ही प्रोग्रामर के हुलिये और हाव-भाव पर कैसी भी आम धारणा हो. “अगर यह आपको पसन्द है, तो फिर कीजिये.” कोस्टा रीका: डिजिटल विभाजन और लड़कियाँ 17 वर्षीया कट्टिया के लिये कोस्टा रीका के एक दूरदराज़ के इलाक़े में रहने का अर्थ है: इण्टरनेट कनेक्शन उपलब्ध ना होना. © UN Costa Rica कोस्टा रीका की निवासी, कट्टिया भविष्य में एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर के तौर पर काम करना चाहती हैं. सूचना व संचार सुलभता के लिये उन्हें अपने पारिवारिक फ़ोन के साथ घर से दूर जाना पड़ता है ताकि स्कूल का काम पूरा करने के लिये, इण्टरनेट से जुड़ सकें. वर्ष 2021 शुरू होने पर, सरकार और यूनीसेफ़-समर्थित एक परियोजना के तहत, कट्टिया को इण्टरनेट सुलभता के साथ अपना पहला कम्पयूटर मिला. “मेरे घर में यह पहला कम्पयूटर है जो कि हमें कभी भी मिला हो. और यह राहत की है, बहुत बढ़िया है, चूँकि बेहद प्यारा होन के अलावा, यह स्पर्श-योग्य (tactile) है.” “मैं इसका इस्तेमाल ड्राइंग करने में कर सकती हूँ. यह बहुत मददगार होने वाला है, चूँकि ग्रेजुएट होने के बाद, मेरी योजना ग्राफ़िक डिज़ाइन पढ़ने की है. टैक्नॉलॉजी मेरे लिये बहेद आवश्यक है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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