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पाकिस्तानी अखबारों सेः बांग्लादेश में मोदी के विरोध को खूब मिर्च-मसाला लगाकर छापा

- किसान आंदोलन पर मजे लेने वाले पड़ोसी मुल्क में भी निकाली गई ट्रैक्टर रैली नई दिल्ली, 29 मार्च (हि.स.)। पाकिस्तान से सोमवार को प्रकाशित अधिकांश समाचार पत्रों ने देश में बढ़ रहे कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए पूर्ण लॉकडाउन लगाने की खबरें काफी महत्व के साथ प्रकाशित की हैं। अखबारों ने इस मौके पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का एक बयान भी प्रकाशित किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि देश के हालात बेहतर नहीं हैं। इसलिए कारोबार इत्यादि को बंद करने का फैसला नहीं लिया जा सकता है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस से बचने के लिए मास्क का इस्तेमाल, दो गज की दूरी और तमाम दिशा निर्देशों पर अमल करके इस पर काबू पाया जा सकता है। अखबारों ने कहा है कि 5 अप्रैल से पाकिस्तान में सभी तरह की गतिविधियों को बंद करने का फैसला लिया गया है। अखबारों ने सरकार की तरफ से चीनी माफिया पर शिकंजा कसने के लिए चलाए जा रहे अभियान से सम्बंधित खबरें प्रकाशित की हैं। अखबारों ने बताया है कि बड़े पैमाने पर धरपकड़ की कार्रवाई और चीनी की जमाखोरी को रोकने के लिए छापामारी मुहिम चलाई जा रही है। अखबारों ने बांग्लादेश में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे का विरोध जारी रहने से सम्बंधित खबरें भी प्रकाशित की हैं। अखबारों ने लिखा है कि इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में 5 और लोगों की जान चली गई है और लगभग 12 लोग जख्मी भी हुए हैं। अखबारों ने पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ से रविवार के दिन होली का पर्व मनाए जाने की भी खबर दी है। अखबारों का कहना है कि इस मौके पर राष्ट्रीय नेताओं की तरफ से पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं को होली की मुबारकबाद पेश की गई है। अखबारों ने पीडीएम के अध्यक्ष मौलाना फजलुर्रहमान और पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ के लीडर मरियम नवाज को बुखार होने और गले में दर्द होने की शिकायत की खबरें भी छापी हैं। अखबारों का कहना है कि दोनों नेताओं की कोरोना वायरस रिपोर्ट नेगेटिव आई है मगर डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है। यह सभी खबरें रोजनामा औसाफ, रोजनामा जिन्नाह, रोजनामा नवाएवक्त, रोजनामा खबरें, रोजनामा पाकिस्तान और रोजनामा जंग ने अपने पहले पृष्ठ पर प्रकाशित की हैं। रोजनामा नवाएवक्त ने श्रीनगर में एक कंसर्ट के दौरान कश्मीरी नौजवानों की तरफ से आजादी के नारे और भारत के खिलाफ नारे लगाए जाने से सम्बंधित खबर दी है। अखबार ने बताया है कि श्रीनगर में गाने बजाने की महफिल का आयोजन करके भारत वहां पर हालात अच्छे होने का संदेश दुनिया को देना चाहता था मगर स्टेज पर कश्मीरी नौजवानों ने जाकर कश्मीर की आजादी के लिए और भारत के खिलाफ नारेबाजी करके सरकार के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। अखबार का कहना है कि भारत सरकार इस कंसर्ट के जरिए कश्मीर में ‘सब कुछ अच्छा है’ का पैगाम देना चाहती थी लेकिन कश्मीरी नौजवानों की हरकत की वजह से इस प्रोग्राम को बीच में ही रोकना पड़ा। इसके साथ ही वहां पर मौजूद फनकारों को स्टेज छोड़कर जाने को मजबूर होना पड़ा है। रोजनामा औसाफ ने भारतीय जम्मू कश्मीर से एक खबर काफी अहमियत से छापी है। इस खबर में बताया गया है कि जम्मू-कश्मीर के जिला शोपियां में घेराबंदी के दौरान भारतीय सुरक्षा बलों ने दो कश्मीरी नौजवानों को मार गिराया है। इस दौरान हुई मुठभेड़ में सेना का एक जवान शहीद हुआ है और दो जख्मी भी हुए हैं। अखबार का कहना है कि इस घटना के बाद शोपियां में इंटरनेट सर्विस को बंद कर दिया गया है और जगह-जगह तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। अखबार का कहना है कि मुठभेड़ के दौरान दोनों तरफ से काफी गोलाबारी हुई है। सेना ने एक कश्मीरी नौजवान की लाश भी बरामद कर ली है। रोजनामा पाकिस्तान ने पाकिस्तान में भी भारत की तर्ज पर किसानों के जरिए मुल्तान में निकाली गई ट्रैक्टर रैली से सम्बंधित खबरें खबर छापी हैं। अखबार का कहना है कि किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ट्रैक्टर रैली निकाली है। किसानों की मांग है कि अन्य फसलों के साथ साथ गन्ने की फसल को और अधिक अहमियत दी जाए। कपास की खेती के लिए सरकार की तरफ से और ज्यादा सहूलियत दी जाए। आंदोलन के नेता खालिद खोकर का कहना है कि किसानों के इस आंदोलन के लिए कई मंत्रियों का भी समर्थन प्राप्त है। ट्रैक्टर मार्च के जरिए किसान चीनी माफिया के जरिए उनके खिलाफ किए जा रहे गलत सुलूक पर भी आवाज बुलंद कर रहे थे। मुल्तान में आयोजित होने वाली इस रैली में बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया है। हिन्दुस्थान समाचार/एम ओवैस/मोहम्मद शहजाद

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