food-wastage-is-a-global-problem--a-cause-of-food-and-nutrition-insecurity
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भोजन की बर्बादी है वैश्विक समस्या – खाद्य व पोषण असुरक्षा का एक कारण

संयुक्त राष्ट्र ने सचेत किया है कि भोजन की कमी, भुखमरी और कुपोषण की समस्या से दुनिया का हर देश पीड़ित है, और इसलिये भोजन की हानि व बर्बादी को रोके जाने के लिये तत्काल कार्रवाई की जानी होगी. खाद्य एवम् कृषि संगठन (FAO) ने मंगलवार को यह अपील जारी करते हुए कहा कि वर्ष 2019 में उपभोक्ताओं के लिये उपलब्ध कुल भोजन के 17 फ़ीसदी हिस्से को फेंक दिया गया और वह बर्बाद हो गया. यूएन एजेंसी ने, बुधवार, 29 सितम्बर, को 'भोजन की हानि व बर्बादी पर अन्तरराष्ट्रीय जागरूकता दिवस' से पहले अपनी अपील में खाद्य असुरक्षा पर चिन्ता जताई है. When we don't waste food we aren't just saving it from the bin. Reducing your #foodwaste has so many more benefits 👇#FLWDay pic.twitter.com/JncHzBzSI3 — FAO (@FAO) September 28, 2021 बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण 13 करोड़ से अधिक अतिरिक्त लोगों को भोजन व पोषण असुरक्षा का सामना करना पड़ रहा है. यूएन एजेंसी के खाद्य एवम् पोषण शाखा के आर्थिक व सामाजिक विकास विभाग की उप निदेशक नैन्सी ऐबुर्तो ने कहा कि भोजन की बर्बादी एक वैश्विक समस्या है और यह महज़ धनी देशों तक सीमित नहीं है. उन्होंने जिनीवा में पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य असुरक्षा, भुखमरी और कुपोषण, विश्व में हर देश को प्रभावित कर रहे हैं और कोई भी देश इससे अछूता नहीं है. 81 करोड़ से अधिक लोग भूख से पीड़ित हैं, दो अरब लोगों में सूक्ष्म पोषक तत्वों (micronutrient) की कमी है और लाखों बच्चे नाटेपन का शिकार हैं और पूर्ण रूप से विकसित नहीं हो पा रहे हैं. यूएन एजेंसी में उप निदेशक ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि सेहतमन्द आहार की ऊँची क़ीमत होने की वजह से, वे दुनिया के हर देश में अब पहुँच से दूर हैं. योरोप में भी. उन्होंने बताया कि बर्बादी को रोकने के लिये देशों को नवाचारी उपायों को अपनाने की आवश्यकता है. इसके तहत भोजन ग्रहण करने की अवधि को बढ़ाने के लिये उसकी नई तरह से पैकेजिंग करना, स्मार्टफ़ोन ऐप के ज़रिये उपभोक्ताओं और किसानों को नज़ीदक लाना और फ़सल की कटाई व उसे प्लेट तक पहुँचाये जाने के बीच के समय में कमी लाने सहित अन्य उपाय हैं. भोजन बर्बादी की रोकथाम भोजन की हानि और बर्बादी में कमी लाकर, कृषि-खाद्य प्रणालियों को बेहतर बनाया जा सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा, संरक्षा व गुणवत्ता को हासिल करने में मदद मिलेगी. ऐसा करते समय, पोषण सम्बन्धी उद्देश्यों की पूर्ति कर पाना भी सम्भव होगा. संगठन के मुताबिक़, इससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जनों में ठोस गिरावट दर्ज की जा सकेगी और भूमि व जल संसाधनों पर दबाव को कम किया जा सके. टिकाऊ विकास एजेण्डा के 12वें लक्ष्य – टिकाऊ खपत सुनिश्चित करना – को हासिल करने में नौ वर्ष से भी कम समय बचा है. साथ ही, 12वें लक्ष्य का तीसरा उद्ददेश्य, फ़ुटकर और उपभोक्ता के स्तर पर प्रति व्यक्ति भोजन की बर्बादी को घटाकर आधा करने पर केंद्रित है. इसके मद्देनज़र, वर्ष 2030 की समयसीमा में इस लक्ष्य को साकार करने के इरादे से तेज़ कार्रवाई की पुकार लगाई गई है. मगर, इस क्रम में, राष्ट्रीय और स्थानीय प्रशासनों को व्यवसायों व व्यक्तियों के साथ मिलकर काम करना होगा और कृषि-खाद्य प्रणालियों में बेहतरी लानी होगी. फल और सब्ज़ी इस साल, फलों और सब्ज़ियों के अन्तरराष्ट्रीय वर्ष के दौरान, यूएन एजेंसी ने खाद्य व पोषण सुरक्षा और टिकाऊ विकास लक्ष्यों को हासिल करने में उनकी भूमिका को रेखांकित किया है. यूएन एजेंसी के महानिदेशक ने पिछले साल दिसम्बर में आगाह किया था कि मौजूदा स्वास्थ्य संकट को ध्यान में रखते हुए सेहतमन्द आहार के सेवन को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है ताकि शरीर की प्रतिरोधक प्रणाली को मज़बूती प्रदान की जा सके. उन्होंने फलों और सब्ज़ियों की बर्बादी पर चिन्ता जताते हुए, इसकी रोकथाम के लिये नवाचारी टैक्नॉलॉजी और तरीक़ों को अपनाये जाने की अहमियत पर बल दिया था. अहम तथ्य भोजन की हानि व बर्बादी में कमी लाकर खाद्य प्रणालियों को मज़बूत बनाया जा सकता है और ग्रह के स्वास्थ्य में बेहतरी लाने में भी मदद मिलेगी. खाद्य प्रणालियों की दक्षता में वृद्धि, और भोजन की हानि व बर्बादी में कमी लाने के लिये नवाचार, टैक्नॉलॉजी व बुनियादी ढाँचे में निवेश की आवश्यकता है. बर्बाद भोजन को कूड़ा-खाद (composting) के रूप में इस्तेमाल में लाना उसे कचरा-भराव क्षेत्र (landfill) में ले जाने से बेहतर है. मगर, भोजन की बर्बादी को पहले से ही रोकने के प्रयासों से पर्यावरण पर इसके असर को कम किया जा सकता है. भोजन की हानि व बर्बादी में कमी लाने के सकारात्मक प्रभावों को बढ़ाने के लिये, बेहतर शासन प्रणाली और मानव पूँजी विकास की दरकार है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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