ईयू संसद चीन को हांगकांग मामले पर यूएन कोर्ट में ले जाने पर सहमत
ईयू संसद चीन को हांगकांग मामले पर यूएन कोर्ट में ले जाने पर सहमत

ईयू संसद चीन को हांगकांग मामले पर यूएन कोर्ट में ले जाने पर सहमत

नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। यूरोपीय संसद ने शुक्रवार को कहा कि यदि बीजिंग हांगकांग पर एक नया सुरक्षा कानून लागू करता है तो यूरोपीय संघ को चीन को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में खींचना चाहिए। इसके लिए यूरोपीय संसद ने एक प्रस्ताव पर मतदान किया और चीन को झुकाने के लिए आर्थिक उपायों का उपयोग करने का भी आह्वान किया। यूरोपीय संघ की सरकारों ने पहले ही हांगकांग के लिए चीन के सुरक्षा कानून पर "गंभीर चिंता" व्यक्त की है। लोकतंत्र कार्यकर्ताओं, राजनयिकों और कुछ व्यापारियों का कहना है कि यह हांगकांग की स्वायत्त स्थिति और वैश्विक वित्तीय केंद्र के रूप में इसकी भूमिका को खतरे में डालेगा। यूरोपीय संसद में चीन के सुरक्षा नियमों को लागू करने के विरोध में एक प्रस्ताव के पक्ष में 565 वोट और विरोध में 34 वोट पड़े। 62 मतदाता अनुपस्थित रहे। यूरोप, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका का कहना है कि नया सुरक्षा कानून "एक देश, दो व्यवस्था" सिद्धांत को कमजोर करेगा जो हांगकांग की स्वायत्तता को नियंत्रित करता है। यूरोपीय संसद ने यूरोपीय संघ और उसके सदस्य राज्यों से नए सुरक्षा कानून को लागू किये जाने पर चीन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के उच्चतम कानूनी निकाय और हेग में स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के समक्ष एक मामला दर्ज कराने पर विचार करने के लिए कहा है। संसद के संकल्प गैर-बाध्यकारी हैं लेकिन वे जो राजनीतिक संकेत प्रदान करते हैं, वे किसी मामले पर नीति को बढ़ा सकते हैं। संकल्प में यूरोपीय संघ से चीन पर संभावित आर्थिक प्रतिबंधों पर विचार करने का भी आह्वान किया गया। प्रस्ताव में कहा गया है कि संसद का मानना है कि यूरोपीय संघ को अपनी आर्थिक क्षमता का उपयोग चीन के मानवाधिकारों के दमनकारी प्रयासों को चुनौती देने के लिए करना चाहिए। जबकि यूरोपीय संघ के संस्थानों के नेता और चीनी प्रधानमंत्री ली केकियांग सोमवार को वीडियो के द्वारा एक सम्मेलन आयोजित करने के लिए तैयार हैं। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह-hindusthansamachar.in

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