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इथियोपिया: टीगरे क्षेत्र में दिनों-दिन गहराता मानवीय संकट

संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि इथियोपिया के टीगरे क्षेत्र में मानवीय सहायता संकट दिनों-दिन बदतर होता जा रहा है. हिंसा प्रभावित इलाक़े में मानवीय राहत सामग्री, नक़दी और ईंधन का भण्डार या तो बहुत कम है या पूरी तरह ख़त्म हो चुका है. मानवीय राहत मामलों में समन्वय के लिये यूएन कार्यालय ने बताया है कि 12 जुलाई से जितनी संख्या में ट्रकों को ज़रूरतमन्द आबादी तक राहत सामग्री लेकर पहुंचना चाहिए था, उनमें से महज़ 10 फ़ीसदी ट्रक ही प्रभावित इलाक़ों में पहुँच पाए हैं. The humanitarian situation in #Tigray is worsening with relief supplies running very low. 1.7 million people are estimated to face food insecurity in #Afar and #Amhara. Parties to the conflict must allow timely, safe and sustained access to all people affected by the crisis. — UN Humanitarian (@UNOCHA) September 1, 2021 यूएन कार्यालय के मुताबिक टीगरे क्षेत्र में पहुँचने का एकमात्र रास्ता अफ़ार क्षेत्र से होकर जाता है. मगर सेमेरा-अबारा कॉरीडोर का इलाक़ा 22 अगस्त से ही पहुँच से दूर है. साझीदार संगठनों का अनुमान है कि भोजन, ग़ैर-खाद्य वस्तुओं और ईंधन से लदे, 100 ट्रकों का, हर दिन टीगरे क्षेत्र में प्रवेश ज़रूरी है ताकि स्थानीय आबादी की ज़रूरतों के अनुरूप जवाबी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके. भोजन के अलावा कम से कम टीगरे में हर सप्ताह, मानवीय राहत जवाबी कार्रवाई के लिये दो लाख लीटर ईंधन की भी आवश्यकता है. लेकिन, 12 जुलाई से केवल दो लाख 82 हज़ार लीटर ईंधन ही टीगरे पहुँचा है और 16 अगस्त के बाद से ईंधन की आपूर्ति पूरी तरह बन्द है. यूएन एजेंसी के मुताबिक टीगरे में मानवीय राहत अभियान के लिये हर सप्ताह 70 लाख डॉलर की मदद की आवश्यकता है. इस रक़म से, कर्मचारियों के वेतन, स्थानीय स्तर पर ख़रीद प्रक्रिया, और नक़दी आधारित सहायता प्रदान करना सम्भव हो सकेगा. स्थानीय मुद्रा में यह धनराशि 30 करोड़ बिर्र है, मगर 12 जुलाई से सिर्फ़ चार करोड़ 70 लाख बर्र का ही प्रबन्ध हो पाया है. हिंसा रोकने की अपील पिछले कईं महीनों से टीगरे क्षेत्र में, केन्द्रीय सरकारी सुरक्षा बलों और क्षेत्रीय गुट, ‘टीगरे पीपल्स लिबरेशन फ्रण्ट’ (TPLF) के वफ़ादार लड़ाकों में लड़ाई चल रही है. हिंसक संघर्ष की आँच ने पड़ोसी अफ़ार और अमहारा क्षेत्रों को भी अपनी चपेट में ले लिया है, और आम लोगों के जीवन पर इसका भीषण असर हुआ है. हिंसा प्रभावित इलाक़ों में खाद्य असुरक्षा, विस्थापन और आजीविका का संकट उत्पन्न हो गया है. अगस्त महीने में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने आगाह किया था कि दुनिया की आँखों के सामने एक मानवीय विपदा घटित हो रही है, 20 लाख से अधिक लोग विस्थापित हैं, जबकि अफ़ार और अमहारा में तीन लाख लोग विस्थापित हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र बाल कोष का कहना है कि लगभग चार लाख लोग अकाल जैसी परिस्थितियों का सामना कर रहे हैं. एक साल के भीतर ही एक लाख लोगों के गम्भीर कुपोषण का शिकार हो जाने का जोखिम है. यूएन एजेंसी ने लड़ाई पर विराम लगाने की महासचिव गुटेरेश की पुकार का समर्थन किया है और एक स्थाई युद्धविराम के लिए वार्ताओं को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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