emphasis-on-equitable-access-to-health-tools-for-the-eradication-of-cervical-cancer
emphasis-on-equitable-access-to-health-tools-for-the-eradication-of-cervical-cancer

सर्वाइकल कैंसर के उन्मूलन के लिये स्वास्थ्य औज़ारों की न्यायोचित सुलभता पर बल

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बुधवार, 17 नवम्बर, को ‘सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिये कार्रवाई दिवस’ के अवसर पर अपने साझीदारों के साथ मिलकर, इस स्वास्थ्य चुनौती को जड़ से उखाड़ फेंकने के लिये ज़रूरी जाँच, वैक्सीन व उपचार की न्यायसंगत उपलब्धता की पुकार लगाई है. सर्वाइकल कैंसर के कारण हर वर्ष तीन लाख महिलाओं की मौत होती है. सर्वाइकल कैंसर के कारण होने वाली मौतों में, उच्च-आय और निम्न-आय वाले देशों के बीच एक बड़ी विसंगति है. Take action! #GlowTeal and illuminate the cause to eliminate cervical cancer. #CervicalCancer could be the first cancer ever in the world to be eliminated. Join the movement on 17 November to raise awareness in your community. 👉 https://t.co/AhBSgwwGNp pic.twitter.com/O2MfuBVjZ6 — World Health Organization (WHO) (@WHO) November 16, 2021 एक अनुमान के अनुसार, इस कैंसर से होने वाली हर 10 में से 9 मौतें, निम्न- व मध्य-आय वाले देशों में होती हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टैड्रॉस एडहेनॉम घेबरेयेसस ने कहा, “सर्वाइकल कैंसर से असीम पीड़ा होती है, मगर इसकी लगभग पूरी तरह रोकथाम की जा सकती है, और अगर जल्द पता लगा लिया जाए, तो यह उन कैंसरों में है, जिनका सफलतापूर्वक उपचार किया जा सकता है.” “सर्वाइकल कैंसर को इतिहास बनाने के लिये, हमारे पास औज़ार हैं, मगर तभी, जब हम इन औज़ारों को सभी ज़रूरतमन्दों के लिये उपलब्ध करायें.” डॉक्टर टैड्रॉस ने उन देशों की सराहना की है, जिन्होंने वैश्विक महामारी के दौरान भी, सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिये, आवश्यक सेवाओं व टैक्नॉलॉजी को जारी रखा. पिछले एक वर्ष में, एचपीवी वैक्सीन, कैमरून, केव वर्डे, ऐल सैल्वाडोर, मॉरिटेनिया, क़तर, साओ टोम एण्ड प्रिन्सिपी, और तुवालू में उपलब्ध कराई गई है, और अब ऐसे देशों की संख्या बढ़कर 115 पहुँच गई है. लेकिन, सर्वाइकल कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में भी चुनौतियाँ भी पैदा हुई हैं. अनेक महिलाओं के लिये, जाँच सेवाओं की सुलभता में कमी आई है. गहरी विषमता वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान, जिस प्रकार से जीवनरक्षक औज़ारों की सुलभता के लिये विषमता नज़र आई, वैसे ही सर्वाईकल कैंसर के विरुद्ध लड़ाई में नज़र आती है. निर्धनतम देशों में महिलाएं और किशोर लड़कियाँ, स्वास्थ्य केंद्रों पर स्क्रीनिंग की सुविधा, ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) वैक्सीन और उपचार से वंचित हैं. एचपीवी वायरस, सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी प्रकार के मामलों के लिये ज़िम्मेदार है. इसके विपरीत, सम्पन्न देशों में इनकी सुलभता आम है, जिनकी ओर पिछले एक दशक में, विनिर्माताओं ने आपूर्ति के रुख़ को मोड़ा है. वर्ष 2020 में, 9 से 14 वर्ष आयु वर्ग में, विश्व भर में केवल 13 प्रतिशत लड़कियों का एचपीवी से रक्षा के लिये टीकाकरण किया गया. क़रीब 80 देशों को, वैश्विक सर्वाइकल कैंसर के कुल मामलों के दो-तिहाई बोझ का सामना करना पड़ता है, मगर वहाँ, ये जीवनदायी टीके उपलब्ध नहीं हैं. बताया गया है कि एचआईवी के साथ रह रही महिलाओं के लिये, सर्वाइकल कैंसर का कैंसर छह गुना बढ़ जाता है, मगर अनेक के पास जाँच या टीकाकरण की सुलभता नहीं होती है. हाल ही में कराये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, 43 प्रतिशत देशों में, कोविड-19 महामारी के दौरान कैंसर उपचार में व्यवधान दर्ज किया गया. स्वास्थ्य सेवाओं में आए व्यवधानों और स्कूलों में तालाबन्दी के कारण, एचपीवी टीकाकरण की दर वर्ष 2019 में 15 प्रतिशत से कम होकर, 2020 में 13 प्रतिशत हो गई है. नईं पहल यूएन एजेंसी ने सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम व उपचार की दिशा में प्रगति व महत्वपूर्ण खोजों की ओर ध्यान आकृष्ट किया है. इनमें चौथी एचपीवी वैक्सीन की प्री-क्वॉलिफ़िकेशन भी है, जिससे टीकों की आपूर्ति को बढ़ाना व उनमें विविधता ला पाना सम्भव होगा. प्री-क्वॉलिफ़िकेशन यानि पूर्व-योग्यता प्रक्रिया के तहत यह सुनिश्चित किया जाता है कि इस्तेमाल की जाने वाली दवाएँ, गुणवत्ता, सुरक्षा और कारगरता के वैश्विक मानकों पर खरी हों. कृत्रिम बुद्धिमता आधारित जाँच टैक्नॉलॉजी में शोध को आगे बढ़ाने के लिये नई सिफ़ारिशें जारी की गई हैं, जिनसे कैंसर के मामलों का जल्द से जल्द पता लगाने में मदद मिलेगी. यूएन एजेंसी ने सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन के लिये, पहला चिन्हित WHO सहयोग केंद्र स्थापित किये जाने की भी घोषणा की है, जोकि अमेरिका में मयामी युनिवर्सिटी में स्थित होगा. इस केंद्र को शोध व तकनीकी सहायता के नज़रिये से अहम बताया गया है. इसके अलावा, निदान के लिये, FIND नामक एक वैश्विक गठबंधन ने, निम्न- व मध्य-आय वाले देशों में, नवाचारी टैक्नॉलॉजी की मदद से, सर्वाइकल कैंसर के परीक्षण व जाँच एक नई पहल की घोषणा की है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in