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अत्यधिक निर्धनता के गर्त में धँसे लोगों की संख्या बढ़ने पर चिन्ता

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेश ने रविवार, 17 अक्टूबर, को ‘निर्धनता उन्मूलन के लिये अन्तरराष्ट्रीय दिवस’ पर चिन्ता व्यक्त की है कि पिछले दो दशक में पहली बार, अत्यधिक ग़रीबी उभार पर है. यूएन प्रमुख ने इस दिवस के लिये जारी अपने सन्देश में क्षोभ जताते हुए कहा कि निर्धनता का मौजूदा स्तर, दुनिया को नैतिक कटघरे में खड़ा करता है. 📢 We need to #EndPoverty, respect all people and our planet! Building forward means: 🔵Fighting discrimination that disadvantage people in poverty and supporting them. 🔵Transforming our relationship with nature And much more.. ✨ https://t.co/tPLPaN2KdG#EveryoneIncluded🌟 pic.twitter.com/vvq8jdAVGH — UN DESA DISD (@UNDESASocial) October 15, 2021 महासचिव गेटेरश के मुताबिक़, कोविड-19 महामारी ने विश्व भर में समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को तबाह किया है और पिछले वर्ष क़रीब 12 करोड़ लोग निर्धनता के गर्त में धँस गए. उन्होंने चिन्ता जताई कि पुनर्बहाली के ढुलमुल रुझान से पूर्वी गोलार्ध और दक्षिणी गोलार्ध में स्थित देशों में विषमताएँ और अधिक गहरा रही हैं. "एकजुटता की फ़िलहाल सबसे अधिक ज़रूरत है, मगर वो कहीं दिखाई नहीं दे रही है." यूएन प्रमुख ने सचेत किया कि निर्धनता के विरुद्ध लड़ाई को, असमानता के विरुद्ध लड़ाई भी बनाया जाना होगा. कोरोनावायरस वैक्सीन वितरण में पसरी विषमता से, कोविड-19 के नए रुपों व प्रकारों को पनपने का अवसर मिला है, जिससे दुनिया भर में लाखों मौतें हुई हैं और अर्थव्यवस्थाओं को हज़ारों अरबों डॉलर की चपत लगी है. उन्होंने कहा कि इसे रोका जाना होगा, कर्ज़ दबाव से निपटना होगा और सर्वाधिक ज़रूरतमन्द देशों में पुनर्बहाली के लिये निवेश को सुनिश्चित किया जाना होगा. बेहतर पुनर्निर्माण के उपाय यूएन महासचिव ने बेहतर ढँग से वैश्विक पुनर्बहाली के लिये तीन-सूत्री योजना को पेश करते हुए कहा है कि वर्ष 2030 तक सार्वभौम सामाजिक संरक्षा की प्राप्ति के लिये मज़बूत राजनैतिक इच्छाशक्ति व साझीदारियों से शुरुआत करनी होगी. निर्धनता बढ़ाने वाली ढाँचागत ख़ामियों व विषमताओँ के अन्त के लिये, हरित अर्थव्यवस्था में अवसरों का लाभ उठाने के लिये रोज़गार कौशल विकसित किये जाने होंगे. साथ ही, पुनर्बहाली को समावेशी बनाते हुए यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी पीछे ना छूटने पाए. महासचिव ने आगाह किया कि अत्यधिक निर्धनता का शिकार महिलाओं की संख्या, पुरुषों की तुलना में अधिक तेज़ी से बढ़ती है. इसलिये, बेहतर पुनर्बहाली के लिये यह ज़रूरी है कि पुनर्बहाली के लिये, विश्व की आधी आबादी को पूर्ण रूप से साथ लेकर आगे बढ़ा जाए और लैंगिक विषमताओं को दूर करने के लिये आर्थिक निवेश किये जाएँ. इसके समानान्तर, एक सुदृढ़, कार्बन पर कम निर्भर और नैट-शून्य विश्व के निर्माण के लिये, पुनर्बहाली को टिकाऊ बनाना होगा. उन्होंने कहा कि निर्धनता में रह रहे लोगों की आवाज़ों को सुना जाना होगा, उनकी गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले कारणों को दूर करना होगा और समावेशन के रास्तों में मौजूद अवरोधों से निपटना होगा. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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