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प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने में चीन की भूमिका

बीजिंग, 7 सितम्बर (आईएएनएस)। चीन में पिछले कुछ वर्षों से पर्यावरण संरक्षण पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है। चीन की केंद्र सरकार व संबंधित एजेंसियों ने इस दिशा में व्यापक काम किया है। चीन के विभिन्न क्षेत्रों में लगातार हरित पट्टी का दायरा बढ़ता जा रहा है। हबेई प्रांत के सैनहापा कृत्रिम वन क्षेत्र का उदाहरण व्यापक रूप से दिया जा सकता है कि किस तरह चीन ने एक रेगिस्तानी इलाके को हरे-भरे जंगल में बदल दिया। इसके साथ ही शहरों में भी हमने काफी बदलाव देखा है। तमाम जगहों पर नए-नए पार्कों का निर्माण किया जा रहा है। जो कि शहरों में रहने वाले लोगों को स्वच्छ हवा प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। बता दें कि चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग कई बार जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए सभी देशों से एकजुट होने का आह्वान कर चुके हैं। इसके अलावा भी वह समय-समय पर प्राकृतिक संरक्षण से जुड़े स्थलों का दौरा करते हैं। इस बीच यहां चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग के उस बयान का उल्लेख करना होगा, जिसमें उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एक खूबसूरत दुनिया के निर्माण को बढ़ावा देने की अपील की है। साथ ही उन्होंने कहा कि मानवता और प्रकृति एक साथ सद्भाव रहे। चीनी पीएम यह कहना चाहते हैं कि अगर विश्व को बेहतर बनाना है तो, उसके लिए सभी लोगों को प्रकृति से प्यार से करना होगा। ध्यान रहे कि चीन सरकार पारस्थितिकी तंत्र को मजबूत बनाने के लिए व्यापक जोर दे रही है। चीन ने वर्ष 2030 से पहले कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन के स्तर को शिखर पर पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, साथ ही 2060 से पहले कार्बन तटस्थता हासिल करने का लक्ष्य भी तय किया गया है। गौरतलब है कि चीन ने पिछले कुछ वर्षों में पारिस्थितिकी विकास के साथ-साथ कार्बन डाईऑक्साइड के स्तर में कमी लाने के लिए व्यापक कदम उठाए हैं। जिनमें हरित विकास के साथ-साथ निम्न-कार्बन व चक्रीय अर्थव्यवस्था पर ध्यान दिया गया है। जबकि चीन सरकार व संबंधित एजेंसियों ने पर्यावरण प्रदूषण के संकट को काबू में करने के लिए भी व्यापक प्रयास किए हैं। चीन में खतरनाक गैसों का उत्सर्जन करने वाले कई उद्योगों को या तो बंद कर दिया गया है या फिर उन्हें पुनरुत्पादनीय ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया गया है। इससे जाहिर होता है कि चीन प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए कितनी कोशिश कर रहा है। (लेखक :अनिल पांडेय,चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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