उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन करने के लिए चीन की हो रही निंदा
उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन करने के लिए चीन की हो रही निंदा

उइगर मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन करने के लिए चीन की हो रही निंदा

नई दिल्ली, 21 जुलाई (हि.स.)। हाउस ऑफ कॉमन्स के समक्ष सुनवाई के दौरान मानवाधिकार उपसमिति के कई विशेषज्ञों ने शिनजियांग प्रांत में मानव अधिकारों के उल्लंघन के लिए चीन की आलोचना की, जहां बीजिंग प्रशासन ने लाखों उइगरों को बंद कर रखा है। कई विशेषज्ञों ने चीन को उइगरों की पहचान, इतिहास, घर्म, संस्कृति और भाषा के व्यवस्थित विनाश करने के लिए, कंसंट्रेशन कैंप (जिन्हे री-एजुकेशन कैंप कहा जाता है) का उपयोग करने के लिए और सौंदर्य उत्पादों को बनाने के लिए कैदियों के अंगों की कटाई कर प्रयोग करने की बात सामने रखी है। इसलिए हाउस ऑफ कामन्स ने इस पर चर्चा आयोजित की। विशेषज्ञों ने कहा कि उइगर मुसलमानों को मजबूरन राष्ट्रवाद के प्रशिक्षण, निर्वासन और चीनी और मंडारिन पढ़ाने के साथ ही हान एजेंट के उनके साथ रहने की बात भी कही। इसके साथ ही चीन कम्युनिस्ट पार्टी पर यह आरोप भी है कि उसने अपने सदस्यों को उन लोगों के परिवारों के साथ रखा है, जो कैदी शिविरों में भेजा गया है। साथ ही यह भी आरोप लगे हैं कि चीन ने बच्चों को अनाथालय भेज दिया है। 24 घंटों की उच्चस्तरीय निगरानी के साथ चीन ने वर्चुअल रूप में पूरे प्रांत को जेल में बदल दिया है। कई इस्लामिक देश जैसे ईरान और पाकिस्तान ने शिनजियांग में कार्रवाई के लिए चीन की आलोचना नहीं की है, विशेषकर पाकिस्तान ने ऐसा करने से मना कर दिया है। स्पीकरों में डॉ एड्रियन जेंज, ओलसी जाजेक्सी, डेविड किलगोर, डॉ रजिया महमूद, जाकोब कावालियो, गार्नेट जीनियस और डेविड स्वीट ने शिंजियांग में मानवाधिकोरों के घोर दुरुपयोग की ओर इंगित किया। उन्होंने प्रांत में जनसंख्या वृद्धि दर में भारी गिरावट की ओर इशारा किया। उन्होंने बताया कि किस तरह लोग अपने परिवारों से बात नहीं कर पा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चीन के शिनजियांग प्रांत में मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल चीनी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग बढ़ रही है। अमेरिका ने हाल ही में शिनजियांग में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध और वीजा पर रोक लगाई थी। हिन्दुस्थान समाचार/सुप्रभा सक्सेना/जितेन-hindusthansamachar.in

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