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चीन: जेल में बन्द पत्रकार की तबीयत बिगड़ी, तत्काल रिहाई की माँग

संयुक्त राष्ट्र के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चीन की नागरिक पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता झाँग झान की मानवीय आधार पर जेल से तत्काल रिहाई की माँग की है. बताया गया है कि कोविड-19 के दौरान रिपोर्टिंग के लिये उन्हें गिरफ़्तार किया गया था, और जेल में उनकी हालत तेज़ी से बिगड़ रही है. भूख हड़ताल शुरू करने के बाद से ही झाँग झान की तबीयत तेज़ी से बिगड़ती गई और अब वह चलने-फिरने में असमर्थ हैं. मानवाधिकार विशेषज्ञों ने उनकी ज़िन्दगी जोखिम में होने की बात कही है. 🇨🇳 #China: UN experts call for the immediate release on humanitarian grounds of journalist and woman human rights defender jailed for #COVID reporting #ZhangZhan, saying her health is deteriorating rapidly and her life is in danger: https://t.co/J4ikDDUziS pic.twitter.com/C57NOVQGvo — UN Special Procedures (@UN_SPExperts) November 22, 2021 स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञों ने अपने एक साझा बयान में आगाह किया कि चीनी प्रशासन द्वारा तेज़ी से और प्रभावी ढँग से कार्रवाई ना होने की स्थिति में झाँग झान के लिये घातक नतीजे हो सकते हैं. विशेष रैपोर्टेयर ने उन्हें चिकित्सा देखभाल मुहैया कराने के साथ-साथ बिना किसी शर्त के रिहा किये जाने की माँग की है. यूएन विशेषज्ञों का मानना है कि 38 वर्षीय महिला को शँघाई में मई 2020 से हिरासत में रखा गया है. कारावास झाँग झान को लड़ाई-झगड़ा करने और परेशानी पैदा करने के आरोप में चार साल जेल की सज़ा सुनाई गई है. उन्हें पहले ऑनलाइन माध्यम पर एक वीडियो साझा करने के लिये गिरफ़्तार किया गया था, जिसमें कोविड-19 महामारी के विरुद्ध सरकार की जवाबी कार्रवाई की आलोचना की गई थी. यूएन रैपोर्टेयर के अनुसार, झाँग झान पर झूठी जानकारी फैलाने और वूहान में महामारी फैलाव के प्रति नकारात्मक माहौल भड़काने का आरोप लगाया गया. “वूहान में कोविड-19 के फैलने पर ख़बरें देने के लिये, झाँग झान और अन्य नागरिक पत्रकारों की गिरफ़्तारी व हिरासत, जनहित में एक अहम विषय है, और बेहद परेशानी भरा है.” अपनी गिरफ़्तारी के बाद से ही, झाँग झान की भूख हड़ताल के कारण वे गम्भीर कुपोषण, अल्सर और अन्य गम्भीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ख़राब स्वास्थ्य वे इतनी कमज़ोर हैं कि बिना मदद के अपना सिर उठाने में भी अब समर्थ नहीं हैं. निचले हम जुलाई 2021, ख़राब स्वास्थ्य की वजह से उन्हें जेल के अस्पताल में 11 दिनों तक भर्ती रहना पड़ा. बताया गया है कि इस दौरान उन्हें बिस्तर से बाँध कर रखा गया और जबरन खाना खिलाया गया. मानवाधिकार विशेषज्ञों ने चिन्ता जताई है कि उनकी हालत तेज़ी से बिगड़ती जा रही है और तत्काल चिकित्सा सहायता के अभाव में उनका जीवन ख़तरे में है. “हिरासत की अवधि तक, झाँग झान का ख़याल रखना, चीनी प्रशासन का दायित्व है, और पर्याप्त मेडिकल उपचार मुहैया कराने में विफलता, इस दायित्व का स्पष्ट उल्लंघन है.” यूएन रैपोर्टेयर ने बताया कि हिरासत में रखे गये व्यक्तियों को चिकित्सा देखभाल नकारे जाने के सम्बन्ध में, इससे पहले भी गहरी चिन्ता जताई जा चुकी है. ऐसे व्यक्तियों की हिरासत के दौरान या फिर रिहाई के कुछ ही समय बाद ही त्रासदीपूर्ण ढँग से मौत हो गई. इसके मद्देनज़र, उन्होंने झाँग झान को मानवीय आधार पर रिहा किये जाने का आग्रह किया है ताकि इस दुखद त्रासदी से उन्हें बचाया जा सके. यूएन के स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ इस विषय में चीन सरकार के साथ सम्पर्क में हैं. मानवाधिकार विशेषज्ञ इस वक्तव्य पर हस्ताक्षर करने वाले मानवाधिकार विशेषज्ञों की सूची यहाँ देखी जा सकती है. सभी स्वतंत्र मानवाधिकार विशेषज्ञ, यूएन मानवाधिकार परिषद द्वारा नियुक्त किये जाते हैं, और वो अपनी निजी हैसियत में, स्वैच्छिक आधार पर काम करते हैं. ये मानवाधिकार विशेषज्ञ संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी नहीं होते हैं और ना ही उन्हें उनके काम के लिये, संयुक्त राष्ट्र से कोई वेतन मिलता है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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