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यूएन के साथ सहयोग का नया अध्याय शुरू करता चीन

बीजिंग, 25 अक्टूबर (आईएएनएस)। आज से 50 वर्ष पहले, यानी 25 अक्तूबर, 1971 को अंतर्राष्ट्रीय संगठन के इतिहास में एक मील का पत्थर घटना को चिह्न्ति करते हुए संयुक्त राष्ट्र (यूएन) में चीन लोक गणराज्य की कानूनी सीट को बहाल किया गया था। इस वर्ष संयुक्त राष्ट्र की कहानी का एक नया अध्याय शुरू करते हुए, चीन ने कसम खाई है कि वह पिछली आधी सदी के उलटफेर के बाद अपनी मूल आकांक्षा पर खरा उतरेगा। उसने मानव जाति के लिए एक साझा भविष्य के साथ एक समुदाय के निर्माण के लिए संयुक्त प्रयासों का आह्वान किया। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सोमवार को इस ऐतिहासिक घटना को चिह्न्ति करने वाली एक स्मारक बैठक में अपने भाषण में कहा कि चीन हमेशा विश्व शांति का निर्माता रहा है, वैश्विक विकास में योगदानकर्ता और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक रहा है। इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्र के साथ चीन की शानदार यात्रा की समीक्षा करते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में चीन लोक गणराज्य की सीट की बहाली को चीन के साथ-साथ दुनिया के लोगों की जीत करार दिया। दरअसल, पिछले 50 वर्षों में चीन के शांतिपूर्ण विकास और सभी मानव जाति के कल्याण के प्रति चीन की प्रतिबद्धता देखी गई है। इस वर्ष, चीन ने पूर्ण गरीबी के खिलाफ अपनी लड़ाई में पूरी जीत हासिल की, सभी तरह से एक मध्यम समृद्ध समाज के निर्माण के लक्ष्य को पूरा किया और एक आधुनिक समाजवादी देश के निर्माण की दिशा में एक नई यात्रा शुरू की। 1971 में संयुक्त राष्ट्र में अपनी कानूनी सीट की बहाली के बाद से, चीन अंतरराष्ट्रीय मामलों में अधिक सक्रिय भूमिका निभा रहा है। उदाहरण के लिए, दुनिया के सबसे बड़े विकासशील देश और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों में से एक के रूप में, चीन ने संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में 50,000 से अधिक शांति सैनिकों को भेजा है और अब संयुक्त राष्ट्र और संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में दूसरा सबसे बड़ा वित्तीय योगदानकर्ता है। यह सक्रिय रूप से सभी देशों को विवादों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने और अपने कार्यों से जीने के लिए प्रेरित कर रहा है। यहां तक कि अपनी संप्रभुता पर लगातार उकसाने के बावजूद, चीन अभी भी सैन्य कार्रवाई को अंतिम उपाय के रूप में मानता है और शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति के माध्यम से समाधान चाहता है। पिछले 50 सालों में चीन की राष्ट्रीय परिस्थितियों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में महान विकास हुए हैं। वैश्विक व्यवस्था की स्थिरता से सभी को लाभ होता है और इसे बनाए रखना सभी का कर्तव्य है। (अखिल पाराशर, चाइना मीडिया ग्रुप, बीजिंग) --आईएएनएस एएनएम

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