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इतिहास को अपने में समेटे हुए हैं चीन के तमाम प्राचीन स्थल

बीजिंग, 18 अक्टूबर (आईएएनएस)। चीन एक प्राचीन सभ्यता व संस्कृति वाला देश है। समय-समय पर होने वाली पुरातात्विक खोजों से जो प्रमाण सामने आते हैं, उससे भी यह स्पष्ट होता है। चीन में ऐसे कई स्थल हैं, जो प्राचीन इतिहास को अपने में समेटे हुए हैं। बताया जाता है कि इनका इतिहास पांच हजार साल पुराना है। इनमें थुरपान में मौजूद अवशेष, चिनशा के रूट्स ऑफ द ओरियंट, शीआन के टेराकोटा वारियर्स व तुनह्वांग की विश्व प्रसिद्ध गुफाओं आदि का नाम प्रमुखता से लिया जा सकता है। ये सभी स्थल बेहद प्राचीन और ऐतिहासिक महत्व के हैं, जिन्हें कुछ दशक पहले पुरातात्विक खुदाई में पाया गया था। इससे यह जाहिर होता है कि चीन की धरती पर पुरातात्विक महत्व की कई साइट्स मौजूद हैं, जिन्हें खोजने के लिए यहां के पुरातत्वविदों ने अथक प्रयास किए हैं। उनके इन प्रयासों की सराहना अकसर होती रही है। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी चीनी सभ्यता के प्रदर्शन में पुरातात्विक खोजों की भूमिका को अहम करार दिया है। गौरतलब है कि चीन ने पिछले कुछ दशकों में बहुत तेजी से विकास किया है, चीन की आसमान छूती इमारतें हों या तकनीकी क्षेत्र में योगदान दुनिया को चकित करते हैं। आधुनिक होने की दिशा में कई कदम उठाने के बाद भी चीन ने अपनी सभ्यता व संस्कृति से लगाव नहीं छोड़ा है। इसके साथ ही प्राचीन धरोहरों के संरक्षण को भी चीन सरकार व्यापक तवज्जो देती रही है। चीनी राष्ट्रपति ने हाल ही में हनान प्रांत के सान मनशिया में यांगशाओ संस्कृति की खोज और आधुनिक चीनी पुरातत्व के जन्म की सौंवी वर्षगांठ पर बधाई देने के साथ-साथ अहम संदेश दिया। जिसमें उन्होंने पिछले सौ वर्षों में चीन में हासिल हुई पुरातात्विक खोजों को बहुत महत्वपूर्ण बताया। जाहिर है कि चीन विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अलग शैली के साथ अग्रसर हो रहा है, चीनी राष्ट्रपति ने सभ्यता व पुरातत्विक फील्ड में भी चीनी विशेषता के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया है। कहा जा सकता है कि इस साल चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सौंवी वर्षगांठ मनायी जा रही है, जबकि यांगशाओ संस्कृति की खोज को भी सौ साल पूरे हो चुके हैं। यह महज संयोग ही है कि चीन को एक आधुनिक देश बनाने के लिए प्रतिबद्ध सीपीसी प्राचीन संस्कृति को बचाने पर भी जोर दे रही है। (अनिल पांडेय ,चाइना मीडिया ग्रुप ,पेइचिंग) --आईएएनएस एएनएम

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