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अफ़ग़ानिस्तान: विस्थापितों को सर्दी के मौसम में भुखमरी से बचाना है तत्काल प्राथमिकता

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी - UNHCR ने शुक्रवार को कहा है कि अफ़ग़ानिस्तान में भुखमरी के असाधारण स्तर देखे जा रहे हैं और सर्दियों का मौसम आने के कारण, बड़े पैमाने पर भोजन की क़िल्लत व भुखमरी से बचने के लिये इन्तेज़ाम करना तत्काल प्राथमिकता है. यूएन शरणार्थी एजेंसी ने अफ़ग़ानिस्तान में और दुनिया के अन्य स्थानों पर जबरन विस्थापित हुए लोगों की मदद करने की ख़ातिर, धन जुटाने की अपील जारी की है. As winter bites in Afghanistans, UNHCR is appealing for much more support amid acute and rising humanitarian needs for 3.5 million people displaced by conflict inside the country – including 700,000 who were displaced in 2021. https://t.co/E7583J0Ymp @refugees — UNHCR News (@RefugeesMedia) December 3, 2021 एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने इस स्थिति को भुखमरी और भोजन की क़िल्लत का संकट क़रार दिया है. उन्होंने कहा, “लोगों के पास पेट भरने के लिये पर्याप्त भोजन उपलब्ध नहीं है, और ये बहुत स्पष्ट नज़र आता है.” विस्थापितों के पास आश्रय भी नहीं है प्रवक्ता बाबर बलोच ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल की अपनी हाल की यात्रा के बाद, शुक्रवार को जिनीवा में कहा कि जबरन विस्थापित हुए लोगों को, सर्दियों के मौसम का सामना करने के लिये उपयुक्त व समुचित आश्रय स्थल व गर्म कपड़ों का अभाव, अपर्याप्त भोजन, घरों व आश्रय स्थलों को गर्म रखने के लिए ईंधन, और चिकित्सा सामग्री की क़िल्लत जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि सर्दियों में तापमान शून्य से 25 डिग्री नीचे यानि -25 तक चला जाता है ऐसे में, बहुत से विस्थापित परिवारों के पास ठहरने के लिये उपयुक्त ठिकाना भी नहीं है, जबकि ये, कपकपा देने वाली सर्दी में उनके जीवित रहने के लिये ये एक बुनियादी आवश्यकता है. 35 लाख ज़रूरतमन्द संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने अफ़ग़ानिस्तान के भीतर संघर्ष व युद्धक गतिविधियों के कारण विस्थापित हुए लगभग 35 लाख लोगों की मदद की करने की अपील जारी की है, इनमें लगभग सात लाख ऐसे लोग भी हैं जो केवल वर्ष 2021 में ही विस्थापित हुए हैं. एजेंसी के प्रवक्ता बाबर बलोच ने कहा कि देश की कुल आबादी का लगभग 55 प्रतिशत हिस्सा यानि लगभग दो करोड़ 30 लाख लोग, भुखमरी की अत्यन्त गम्भीर स्थिति का सामना कर रहे हैं, इनमें से भी लगभग 90 लाख लोग अकाल के कगार पर पहुँच गए हैं. शरणार्थी एजेंसी ने इस वर्ष देश के भीतर विस्थापित हुए लगभग सात लाख लोगों की मदद की है, जिसमें ज़्यादा मदद अगस्त के मध्य के बाद पहुँचाई गई है. एजेंसी हर सप्ताह लगभग साठ हज़ार लोगों की मदद कर रही है. प्रवक्ता ने कहा कि एजेंसी जैसे-जैसे हज़ारों लोगों की मदद करने के लिये पहुँचती है, तो हज़ारों ऐसे अन्य लोग मिलते हैं जिन्हें मानवीय सहायता की ज़रूरत है. उन्होंने बहुत निर्बल हालात वाले लोगों की मदद के लिये और ज़्यादा संसाधनों का इन्तेज़ाम किये जाने की अपील की. प्रवक्ता ने ऐसे लोगों की ख़ास निशानदेही की जिन्हें मदद की तुरन्त ज़रूरत है. इनमें ऐसी महिलाएँ हैं जो अकेले ही अपने बच्चों को पाल रही हैं और उनके पास ना तो रहने के लिये कोई ठिकाना है और ना ही उनके बच्चों का पेट भरने के लिये भोजन है. इनमें विस्थापित हुए ऐसे उम्रदराज़ लोग भी शामिल हैं जो अपने यतीम हो चुके नाती-पोतों की देखभाल करने को मजबूर हैं, और बहुत से ऐसे लोग, जो विशेष ज़रूरतों वाले अपने प्रियजन की देखभाल कर रहे हैं. सर्दियों में ज़्यादा सहायता की अपील प्रवक्ता बाबर बलोच ने बताया कि एजेंसी के सहायताकर्मियों ने, सड़क मार्गों व मानवीय सहायता हवाई उड़ानों के ज़रिये, अफ़ग़ानिस्तान के पड़ोसी देशों में, राहत सामग्री पहुँचाई है. बाबर बलोच ने दोहराते हुए कहा कि सर्दियों का सामना करने के काम आने वाली सामग्रियों के ज़रिये सहायता, फ़रवरी 2022 तक जारी रहेगी और अगले सप्ताह भी सहायता सामग्री से भरे पाँच विमान उड़ान भरेंगे. इस सामग्री में गर्म कम्बल और गर्म कपड़े शामिल होंगे. आश्रय स्थलों की भी मरम्मत की जा रही है और उन्हें सर्दियों का मुक़ाबला करने में और ज़्यादा सक्षम बनाया जा रहा है. निर्बल हालात वाले परिवारों को नक़दी मदद भी दी जा रही है. प्रवक्ता बाबर बलोच ने सर्दियों के महीनों के दौरान कमज़ोर हालात वाले परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराने में, यूएन शरणार्थी एजेंसी के सहायता प्रयासों को समर्थन देने के लिये, सरकार और निजी दानदाताओं का शुक्रिया अदा किया. अलबत्ता, उन्होंने यह भी कहा कि अफ़ग़ानिस्तान में वर्ष 2022 के दौरान, यूएन शरणार्थी एजेंसी के सहायता प्रयासों के लिये, 37 करोड़ 49 लाख डॉलर की रक़म की ज़रूरत होगी. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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