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अफ़ग़ानिस्तान: काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमले की सुरक्षा परिषद ने की कड़ी निन्दा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल के हवाई अड्डे पर 26 अगस्त को हुए हमलों की कड़े शब्दों में निन्दा की है. मीडिया ख़बरों के अनुसार इन हमलों में 13 अमेरिकी सैन्यकर्मियों सहित 100 से अधिक लोगों की मौत हुई है. ख़ुरासान प्रान्त में इस्लामिक स्टेट ने हामिद करज़ई अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुए इन हमलों की ज़िम्मेदारी लेने का दावा किया है, जो कि आइसिल/दाएश से जुड़ा हुआ एक गुट है. सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने शुक्रवार को जारी एक वक्तव्य में पीड़ितों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी सम्वेदनाएँ व्यक्त की हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है. सुरक्षा परिषद ने अफ़ग़ानिस्तान में आतंकवाद से मुक़ाबले की अहमियत को रेखांकित किया है, ताकि अफ़ग़ानिस्तान की ज़मीन का इस्तेमाल किसी अन्य देश के लिये ख़तरा पैदा करने या हमला करने में ना किया जा सके. 🇦🇫 #AfghanistanCrisis: The terrorist attack at #KabulAirport yesterday was a hideous assault on desperate civilians. We hope those responsible are caught and brought to justice as soon as possible. pic.twitter.com/G9Z2HZqdJJ — UN Human Rights (@UNHumanRights) August 27, 2021 परिषद के मुताबिक किसी भी अफ़ग़ान गुट या व्यक्ति को अन्य देश में सक्रिय आतंकवादियों को समर्थन नहीं देना होगा. सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने अफ़ग़ानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNAMA) के कामकाज के लिये अपना समर्थन दोहराया है. उन्होंने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र कर्मचारियों और यूएन के सदस्य देशों के राजनयिकों व वाणिज्यिक दूतावास के कर्मचारियों की सुरक्षा बेहद अहम है. साथ ही सभी प्रासंगिक पक्षों से आम नागरिकों को सुरक्षित व गरिमामय ढँग से देश से बाहर निकाले जाने के लिये सुचारू रूप से सहयोग दिये जाने का अनुरोध किया गया है. आतंकवाद का ख़तरा सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने पुरज़ोर ढंग से कहा है कि आतंकवाद अपने सभी रूपों में अन्तरराष्ट्रीय शान्ति व सुरक्षा के लिये सबसे गम्भीर ख़तरों में से है. “आम नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में मदद कर रहे लोगों व कर्मचारियों को जानबूझकर निशाना बनाया जाना, विशेष रूप से घृणास्पद है और इसकी निन्दा की जानी चाहिए.” सुरक्षा परिषद ने 'निन्दनीय आतंकी कृत्य' के दोषियों, हमले में उनकी मदद करने वालों और धन मुहैया कराने वालों की जवाबदेही तय करने और सज़ा दिलाने की आवश्यकता को रेखांकित किया है. परिषद ने सभी सदस्य देशों से अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनों और सुरक्षा परिषद प्रस्तावों के अन्तर्गत तय हुए दायित्वों को निभाने और स्थानीय एजेंसियों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग करने का आग्रह किया है. ‘भयावह कृत्य’ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोलिवल ने जिनीवा में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए काबुल हवाई अड्डे पर आतंकवादी हमला को एक भयावह कृत्य क़रार दिया है. उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट है कि इसका मक़सद जितना सम्भव हो सके, उतनी बड़ी संख्या में आम लोगों – बच्चों, महिलाओं, पिताओं, माताओं, साथ ही तालेबान और हवाई अड्डे की सुरक्षा कर रहे विदेशी सुरक्षा बलों को जान से मारना और अपंग बनाना था. “यह एक ऐसा हमला था, जिसे अंजाम ही मार-काट के लिये दिया गया, और इससे मार-काट हुई है.” यूएन एजेंसी के प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि हताश आम नागरिकों पर यह एक वीभत्स हमला था. यूएन मानवाधिकार कार्यालय ने इस हमले के दोषियों को पकड़ने और उन्हें न्याय के कटघरे में जल्द से जल्द लाने की उम्मीद ज़ाहिर की है. नाज़ुक हालात वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन में पूर्वी भूमध्यसागर क्षेत्र के लिये क्षेत्रीय आपात निदेशक डॉक्टर रिक ब्रैनन ने बताया कि अफ़ग़ानिस्तान में हालात नाज़ुक बने हुए हैं और इस हमले से परिस्थितियाँ और भी विकट हो गई हैं. देश भर में मानवीय राहत ज़रूरतों का दायरा व स्तर लगातार बढ़ रहा है. भुखमरी, सूखे, हिंसक संघर्ष, कोविड-19 महामारी से जूझ रहे अफ़ग़ानिस्तान में लगभग एक करोड़ 80 लाख लोग ज़रूरतमन्द बताए गए हैं. डॉक्टर ब्रैनन कहा कि बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित देश से बाहर निकाले जाने के बावजूद अफ़ग़ानिस्तान में लाखों निर्बल अफ़ग़ान नागरिक पीछे छूट जाएँगे. उन्होंने कहा कि ज़रूरतमन्दों के साथ ना सिर्फ़ शब्दों में, बल्कि ठोस कार्रवाई के ज़रिये भी एकजुटता दर्शाये जाने की आवश्यकता है. अहम प्राथमिकताएँ डॉक्टर रिक ब्रैनन ने बताया कि यूएन स्वास्थ्य एजेंसी की सबसे अहम प्राथमिकता, ज़मीनी स्तर पर अपने कर्मचारियों की सुरक्षा और देश में स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखना है. यूएन एजेंसी की देश के सभी 34 प्रान्तों में मौजूदगी है. बताया गया है कि देश भर में कुल दो हज़ार 200 केंद्रों में से 97 प्रतिशत खुले हुए हैं, मगर वहाँ ज़रूरी चिकित्सा सामग्री की क़िल्लत महसूस की जा रही है. इसके मद्देनज़र, यूएन स्वास्थ्य एजेंसी देश में सामग्री का इन्तज़ाम करने के विकल्पों को ढूँढा जा रहा है. काबुल हवाई अड्डे पर मौजूदा चिन्ताजनक हालात की वजह से, मज़ार-ए-शरीफ़ एयरपोर्ट का इस्तेमाल किये जाने पर विचार किया जा रहा है. डॉक्टर ब्रैनन के मुताबिक महिलाओं, बच्चों और विस्थापितों की ज़रूरतों को पूरा किया जाना प्राथमिकता है. साथ ही घायलों, सदमा झेलने वालों और कुपोषण के पीड़ितों तक भी सहायता पहुँचाई जानी होगी. इस क्रम में अफ़ग़ानिस्तान के लिये यूएन द्वारा एक अरब 30 करोड़ डॉलर की अपील को दोहराया गया है, जिसमें से अभी 39 प्रतिशत तक का ही प्रबन्ध हो पाया है. --संयुक्त राष्ट्र समाचार/UN News

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