भारत की विकास गाथा में ‘अपशिष्ट को संपत्ति के रूप में बदलने’का लक्ष्य हो हासिलः मंडाविया
भारत की विकास गाथा में ‘अपशिष्ट को संपत्ति के रूप में बदलने’का लक्ष्य हो हासिलः मंडाविया

भारत की विकास गाथा में ‘अपशिष्ट को संपत्ति के रूप में बदलने’का लक्ष्य हो हासिलः मंडाविया

नई दिल्ली, 24 जून (हि.स.)। जहाजरानी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनसुख मंडाविया ने कहा है कि भारत सरकार ने टिकाऊ विकास का लक्ष्य निर्धारित किया है। ड्रेजिंग अपशिष्ट को पर्यावरण अनुकूल वस्तुओं के रूप में रिसाइक्लिंग कर यह भारत की विकास गाथा में ‘अपशिष्ट को संपत्ति के रूप में बदलने’ के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को और सुदृढ़ बनायेगा। बुधवार को मंडाविया ने भारतीय ड्रेजिंग निगम, भारतीय बंदरगाह संघ, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण, प्रमुख बंदरगाह ट्रस्टों के अधिकारियों और क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ ड्रेजिंग सामग्री की रिसाइक्लिंग के लिए एक वीडियो कॉफ्रेंसिंग के दौरान ये बातें कहीं। उन्होंने भारतीय ड्रेजिंग निगम को निर्देश दिया कि वह भारत के तटीय क्षेत्रों एवं नदी के तट पर बसे बंदरगाहों पर ड्रेजिंग सामग्री की रिसाइक्लिंग की संभावना की खोज करे। उन्होंने जोर देकर कहा कि ड्रज्ड सामग्री की रिसाइक्लिंग का कार्यान्वयन इस प्रकार किया जाना चाहिए कि उससे ड्रेजिंग लागत में कमी आए, क्योंकि ड्रेजिंग जहाजरानी ट्रैफिक की सुरक्षा एवं सुगमता तथा डिस्चार्ज हेतु जलमार्ग की धारा को बनाये रखने की एक नियमित गतिविधि है। उन्होंने निजी कंपनियों को सुझाव दिया कि वे पर्यावरण पर शून्य प्रभाव को ध्यान में रखते हुए ड्रेजिंग अपशिष्ट के परिवहन के लिए किफायती संभार तंत्र प्रणाली के साथ एक ड्रेजिंग माडल का निर्माण करें। हिन्दुस्थान समाचार/ रवीन्द्र मिश्र/बच्चन-hindusthansamachar.in

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