पूर्व सैनिक बोले, चीन की गलतफहमी दूर कर देगा भारत
पूर्व सैनिक बोले, चीन की गलतफहमी दूर कर देगा भारत

पूर्व सैनिक बोले, चीन की गलतफहमी दूर कर देगा भारत

मेरठ, 18 जून (हि.स.)। लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी सेना से झड़प में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत से पूर्व सैनिक गुस्से में है। चीन को पुराना विश्वासघाती बताते हुए पूर्व सैनिक कहते हैं कि इस बार चीन की गलतफहमी को भारत दूर कर देगा। चीन की दौलत बेग ओल्डी को हासिल करने की तमन्ना उसे बहुत भारी पड़ेगी। भारत के वीर लड़ाके इस बार चीन की अनुशासनहीन आर्मी को धूल चटा देंगे। पूर्व सैनिक सेवा परिषद मेरठ प्रांत के महामंत्री कैप्टन देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर ने हिन्दुस्थान समाचार से बातचीत करते हुए कहा कि चीनी शुरू से ही साम्राज्यवादी रहा है। अपनी सीमाओं का विस्तार करने उसकी खतरनाक नीति रही है। इसके लिए वह अपने पड़ोसी देशों से लड़ता रहता है। 1962 में चीन ने धोखे से भारत पर हमला किया था और भारत की धरती को कब्जा लिया था। इसके बाद भी थोड़ी-थोड़ी जमीन कब्जाता रहा है। पाकिस्तान और नेपाल को शह देकर चीन भारत को चारों ओर से घेरने का प्रयास कर रहा है। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सीमाओं पर चौकसी बढ़ाई। खासकर लद्दाख की दौलत बेग ओल्डी तक सड़क बनाने से चीन बौखलाया हुआ है। ऊंचाई पर होने के कारण दौलत बेग ओल्डी का अपना सामरिक महत्व है। इसी बात को लेकर चीन ने धोखे से भारतीय सैनिकों पर हमला किया। अब भारत उसे मुंहतोड जवाब देने की तैयारी कर चुका है। इस बार उसे मुंह की खानी पड़ेगी। भारतीय वीर सैनिक चीन के छक्के छुड़ा देंगे। 1962 के मुकाबले इस बार भारत के पास अत्याधुनिक हथियार है। चारों ओर से घिरने पर बौखलाया है चीन पूर्व सैनिकों का कहना है कि कोरोना फैलाव को लेकर भी चीन पूरी दुनिया में घिरा हुआ है। प्रत्येक देश चीन पर आरोप लगा रहा है। इससे भी चीन बौखलाया हुआ है और सीमा पर उसके सैनिक उसी बौखलाहट का परिचय दे रहे हैं। चीन की दबाव की नीति इस बार काम नहीं कर रही है। प्रधानमंत्री ने सेना को पूरी आजादी दे दी है। एयरफोर्स के पूर्व एसएनसीओ चौधरी हरेंद्र सिंह अरुणाचल प्रदेश के किरतू में तैनात रह चुके हैं। अरुणाचल प्रदेश पर भी अपना हक जताने वाले चीन को वह मक्कार देश मानते हैं। उनका कहना है कि जिस स्थान पर उनकी तैनाती रही हैं, वहां से तिब्बत का रीमा टाउन साफ दिखाई देता है। बीच में केवल लोहित नदी पड़ती है। सीमा पर पेट्रोलिंग करते हुए दोनों सेनाओं के पास हथियार नहीं होते। केवल कीले लगे डंडे होते हैं। दोनों टीमों के मिलने पर कभी-कभी झड़प होती रही है। ऐसा ही लद्दाख में हुआ है। बताया कि दौलत बेग ओल्डी पर चीन की नजर रहती है। यह बहुत ही सामरिक महत्व का स्थान है। इस ऊंचाई वाले स्थान पर चीन आना चाहता है, जिससे भारत अकसाई चीन और पीओके की ओर ना जा सकें। क्योंकि भारत सरकार अकसाई चीन और पीओके को भारत का हिस्सा बताकर अपने इरादे जाहिर कर चुकी है। चीन इससे बौखलाया हुआ है। उन्होंने बताया कि भारत की सेना बहुत ही अनुशासित है। जबकि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी एक राजनीतिक सेना है। चीनी सैनिक अनुशासनहीन होते हैं। लद्दाख की घटना इसी का परिणाम है। इस बार भारतीय सैनिक चीन को मुंहतोड़ जवान देने को तैयार है। हिन्दुस्थान समाचार/कुलदीप/राजेश-hindusthansamachar.in

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