गिलगित-बाल्टिस्तान में बौद्ध धरोहर नष्ट करने पर भारत ने जताई गंभीर चिंता
गिलगित-बाल्टिस्तान में बौद्ध धरोहर नष्ट करने पर भारत ने जताई गंभीर चिंता

गिलगित-बाल्टिस्तान में बौद्ध धरोहर नष्ट करने पर भारत ने जताई गंभीर चिंता

- भारत ने पाकिस्तान से कहा, अवैध रूप से कब्ज़ा किए गए भू-भाग को तुरंत खाली करे अनूप शर्मा नई दिल्ली, 03 जून (हि.स.)। भारत ने पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के गिलगित-बाल्टिस्तान इलाके में पुरातात्विक महत्व की भारतीय बौद्ध विरासत को नष्ट करने पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अवैध रूप से कब्ज़ा किए गए भू-भाग को तुरंत खाली करे। साथ ही उस इलाके में रहने वाले लोगों के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों के उल्लंघन से बाज आए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि इस अमूल्य विरासत को क्षति पहुंचाने, विक्रित करने और नष्ट करने के संबंध में पड़ोसी देश को अपनी गंभीर चिंता से अवगत करा दिया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि तथाकथित गिलगित-बाल्टिस्तान का इलाक़ा भारतीय भू-भाग है जिस पर पाकिस्तान ने अवैध और जबरन कब्ज़ा कर रखा है। उल्लेखनीय है कि पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर में पुरातात्विक और धार्मिक महत्व की हजारों शिला लेख और कलाकृतियां हैं। इस विरासत को उस इलाके में मज़हबी कट्टरपंथी तत्व क्षति पहुंचाकर नष्ट कर रहे हैं। इस क्षेत्र में पाकिस्तान और चीन संयुक्त रूप से डायमर-भाषा बांध बना रहे हैं जिससे बड़े भू-भाग के जलमग्न होने का खतरा है। प्रवक्ता ने कहा कि यह बहुत गंभीर चिंता की बात है कि इस इलाके में बौद्ध प्रतीकों को नष्ट किया जा रहा है तथा लोगों के धार्मिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर आघात किया जा रहा है। इससे यह पता चलता है कि पाकिस्तान प्राचीन सभ्यता और संस्कृति की विरासत की कोई परवाह नहीं करता जो बहुत निंदनीय है। भारत ने मांग की है कि इस इलाके में पुरातात्विक विशेषज्ञों को तत्काल जाने दिया जाए ताकि इस पुरातात्विक विरासत को संरक्षित और बहाल किया जा सके। भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह अवैध रूप से कब्ज़ा किए गए भू-भाग को तुरंत खाली करे। साथ ही उस इलाके में रहने वाले लोगों के राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक अधिकारों के उल्लंघन से बाज आए। पाकिस्तान के कई पुरातत्वविदों औऱ इतिहासकारों ने भी प्राचीन धरोहर के नष्ट किए जाने पर चिंता व्यक्त की है। इतिहासकार और शोधकर्ता इस धरोहर को नष्ट करने की तुलना तालिबान आतंकवादियों द्वारा अफगानिस्तान में बामियान की विशालकाय बौद्ध प्रतिमाओं को नष्ट करने से कर रहे हैं। उनका कहना है कि चीन के काराकोरम राजमार्ग के दोनों ओर इस इलाके में पचास हजार से अधिक शिलालेख हैं। गंधार सभ्यता से जुड़े यह शिलालेख नौंवी सदी के हैं। बहुत से शिलालेखों पर कट्टरपंथी लोगों ने नारे लिख दिए हैं और पाकिस्तानी झंडे पोत दिए हैं। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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