आईएमएफ ने भारत की आर्थिक विकास दर में 4.5 फीसदी की कमी का संकेत दिया
आईएमएफ ने भारत की आर्थिक विकास दर में 4.5 फीसदी की कमी का संकेत दिया

आईएमएफ ने भारत की आर्थिक विकास दर में 4.5 फीसदी की कमी का संकेत दिया

लॉस एंजेल्स, 24 जून (हि.स.)। अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आई एम एफ) ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारतीय जीडीपी दर में 4.5 फीसदी के दबाव का संकेत दिया है, जो एतिहासिक है। इसका कारण कोरोना महामारी के कारण लंबी अवधि तक कारोबार को बंद रखना बताया गया है। इस के बावजूद अगले वित्त वर्ष 2021 में आर्थिक विकास दर में उछाल होगा और अर्थवयवस्था के छह प्रतिशत होने का अनुमान है। भारत में अब कारोबार पूरी तरह खुल चुका है। आई एम एफ ने बुद्धवार को विश्व अर्थवयवस्था के बारे में भविष्य वाणी की है कि कोरोना महामारी और कारोबार बंद रहने का असर दुनिया भर में पड़ा है। इस से वैश्विक आर्थिक विकास दर में भी 4.9 फीसदी की सिकुड़न होने का अनुमान है। यह अगले वित्त वर्ष में 6फीसदी और सन अप्रैल 2022 में 7.4फीसदी होने का अनुमान है। आईएमएफ के पूर्व अनुमानों में वैश्विक आर्थिक विकास दर में 3 प्रतिशत की कमी होने के संकेत दिए गए थे। लेकिन वर्ष के शुरू में कारोबार बंद होने के कारण अर्थवयवस्था पर व्यापक बुरा असर हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वर्ष वैश्विक उपभोग (खपत) में वृद्धि होने का अनुमान है। यही नहीं, निवेश में भी वृद्धि होगी, लेकिन वृद्धि दर में अपेक्षित उछाल होने की उम्मीदें कम हैं। भारत में कारोबार में अभिवृद्धि के लिए जिस तरह सार्वजनिक स्तर पर लघु इकाइयों और किसानों को ऋण दिए जाने के प्रस्ताव हैं, उस से आर्थिक विकास दर में अनुकूल वृद्धि होने के अनुमान हैं। इस महामारी की मार ज़्यादातर निर्धन आय वर्ग पर पड़ेगी और इस से अमीर ग़रीब में खाई बढ़ेगी। हिन्दुस्थान समाचार/ललित बंसल-hindusthansamachar.in

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