स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल मिलकर कर रहे कोरोना का उपचार: मनीष सिसोदिया
नई दिल्ली, 19 जून (हि. स.) । दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन के अस्पताल में भर्ती होने पर उनके विभाग का अतिरिक्त कार्यभार संभालने के बाद शुक्रवार को कोविड-19 के लिए समर्पित शीर्ष चिकित्सा अस्पतालों के प्रशासकों और मेडिकल निदेशकों के साथ एक आवश्यक बैठक की। वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुई बैठक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के प्रधान सचिव विक्रम देव दत्त और राजेंद्र नगर के आप विधायक राघव चड्ढा भी शामिल हुए। सिसोदिया ने स्थिति का आंकलन किया और अस्पतालों में आईसीयू बेड की क्षमता के बारे में चर्चा की। उन्होंने वर्तमान कोरोना वायरस की स्थिति और गहन देखभाल की आवश्यकता वाले रोगियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए, अस्पतालों को जल्द से जल्द आईसीयू हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने के लिए निर्देशित किया। इस दौरान अस्पतालों के निदेशकों ने एक प्रमुख समस्या उठाते हुए बताया कि अस्पतालों में मैन पाॅवर की कमी है। मनीष सिसोदिया ने कहा कि अलग-अलग कोविड-19 अस्पतालों में अभी मौजूदा बेड हैं, उनमें से ज्यादातर बेड पर आॅक्सीजन उपलब्ध है। जहां पर नहीं है, वहां पर एक सप्ताह या 10 दिन में आॅक्सीजन लगा दी जाएगी। इस तरह से बड़े-बड़े अस्पतालों में यह संख्या बढ़ाई जानी है और अस्पतालों को जो भी मदद चाहिए, चाहे इंजीनियरिंग स्तर, इंफ्रास्ट्रक्चर या मैन पाॅवर हायर करने के लिए चाहिए, वह पूरी मदद सरकार देगी। लेकिन सभी अस्पतालों के प्रमुखों को निर्देश भी दिए गए हैं कि वे तुरंत इसको बढ़ाने के लिए काम शुरू कर दें। ताकि जैसे-जैसे अब कोरोना के केस बढ़ेंगे, वैसे-वैसे आईसीयू बेड की और ज्यादा जरूरत पड़ेगी। सरकार इस बात को समझ रही है और इसीलिए चार कदम आगे बढ़ते यह निर्णय लिए गए हैं कि आईसीयू बेड ज्यादा से ज्यादा बढ़ा दिए जाएं। आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जी ने बुराड़ी अस्पताल का भी दौरा किया था, वहां पर भी आॅक्सीजन सहित बेड उपलब्ध होंगे। अंबेडकर अस्पताल, जो अभी नया बन रहा है। उसमें भी आॅक्सीजन उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि वहां पर भी बेड बढ़ाए जा सकें। विधायक राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के अंदर आईसीयू बेड की संख्या को बढ़ाने और दिल्ली के लोगों को अच्छा इलाज पर्याप्त मात्रा में मिले, इसके लिए आज उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने एक बैठक बुलाई। जिसमें दिल्ली सरकार के तमाम बड़े कोविड-19 अस्पतालों के प्रशासक और मेडिकल निदेशक शामिल हुए। इस बैठक में क्षमता बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए और तमाम अस्पतालों के प्रशासन ने परिस्थितियों की गंभीरता को समझते हुए पर्याप्त मात्रा में आईसीयू बेड उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य शुरू किया। टीम में आईएलबीएस के डॉ. सरीन, एलएनजेपी से डॉ. सुरेश, आरजीएसएस से डॉ. सुनील, शामिल थे, जिन्होंने अस्पतालों में जनशक्ति की कमी के मुद्दे को हल करने के लिए विभिन्न तरीके सुझाए। डॉ. सरीन बताया कि जमीन हकीकत को समझते हुए हम किस तरह से मौजूदा अस्पतालों में आईसीयू बेड बढ़ा सकते हैं और अस्पतालों की आवश्यकता को हम किस तरह से पूरा कर सकता हैं। उन्होंने ने सुझाव दिया कि हमें दिल्ली सरकार के विभिन्न पीजी मेडिकल संस्थानों में सभी अंतिम वर्ष के एमडी, एमएस, डीएनबी स्नातक डॉक्टरों को छह महीने की अवधि के लिए दिल्ली सरकार कोविड-19 अस्पतालों में तुरंत तैनात करना चाहिए। इसके अलावा, एक निर्णय लिया गया कि अंतिम वर्ष पीजी नर्सिंग और यूजी नर्सिंग छात्रों को भी आईसीयू ड्यूटी के लिए छह महीने की अवधि के लिए तैनात किया जाना चाहिए। टीम उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करने और कोरोना वायरस संकट से लड़ने के लिए एक साथ काम करने पर केंद्रित थी। हिन्दुस्थान समाचार /प्रतीक खरे-hindusthansamachar.in