खुले प्राकृतिक वातावरण में योग होता है सर्वोत्तम : गिरजा शंकर
खुले प्राकृतिक वातावरण में योग होता है सर्वोत्तम : गिरजा शंकर

खुले प्राकृतिक वातावरण में योग होता है सर्वोत्तम : गिरजा शंकर

जौनपुर, 21 जून (हि.स.)। विश्व योग दिवस के मौके पर उमरी मीरगंज निवासी अर्थ एवं सांख्यिकी विभाग के पूर्व निदेशक गिरिजा शंकर तिवारी ने बताया की योग हमेशा खुले प्राकृतिक वातावरण में करना चाहिए और मन हमेशा शान्त रखना चाहिए। इस वर्ष मनाया जाने वाला योग दिवस अनेक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। उन्हांने कहा कि सारा विश्व कोरोना महामारी से लड़ रहा है। इस परिस्थिति में हमारे देश के शीर्ष नेतृत्व द्वारा निर्णय लिया गया है कि इस वर्ष योग दिवस पर सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन न करके घर पर ही लोग योग साधना करें। सामूहिक कार्यक्रमों में शारीरिक दूरी बनाए रखने में कठिनाई होगी। कोरोना की श्रृंखला तोड़ने के लिए शारीरिक दूरी सबसे प्रमुख एवं कारगर उपाय है। कोरोना के को लेकर योग साधना में प्राणायाम का महत्व बढ़ गया है। कोरोना से जब फेफड़े प्रभावित हो जाते हैं तो समस्या गंभीर हो जाती है और वेंटिलेटर तक की नौबत आ जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए फेफड़ों को सशक्त बनाना आवश्यक है और इसके लिए प्राणायाम से अच्छा कोई उपाय नहीं है। उन्होंने बताया प्राणायाम अनेक प्रकार हैं जिनमें अनुलोम-विलोम, भ्रामरी, कपाल भाति तथा भस्त्रिका सबसे प्रमुख हैं। अनुलोम विलोम हमारी भारतीय परम्परा में पुरातन काल से चला आ रहा है। इसे नाड़ी शोधक प्राणायाम भी कहते हैं और यह सरल एवं निरापद है। इस प्राणायाम की तीन स्थितियां हैं पूरक, कुम्भक तथा रेचक। तीनों मे श्वास रोकने का अनुपात क्रमशः 1, 4, 2 का बताया जाता है। इस सम्बन्ध मे योग प्रशिक्षकों के भिन्न भिन्न मत हैं। प्राणायाम खुले प्राकृतिक वातावरण में सर्वोत्तम होता है जहां शुद्ध प्राण वायु अर्थात आक्सीजन उपलब्ध हो। यदि एकांत स्थान मिल जाय तो अधिक श्रेयष्कर है। क्योंकि मन का एकाग्र होना भी आवश्यक है। प्राणायाम के लिए पद्मासन अथवा सुखासन में इस प्रकार बैठा जाय कि सिर, ग्रीवा तथा रीढ़ की हड्डी के एक सीध मे ऊर्ध्वाधर स्थिति में हों। यदि किसी बीमारी से लड़ना है तो मन का सशक्त होना आवश्यक है। दृढ़ इच्छाशक्ति तथा मजबूत मन से कैंसर जैसी घातक बीमारी को भी पराजित करते हुए अनेक लोगों को देखा गया है। हिन्दुस्थान समाचार/विश्व प्रकाश/विद्या कान्त-hindusthansamachar.in

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