जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद संयुक्त राष्ट्र  ने नस्लवाद की जांच शुरू की
जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद संयुक्त राष्ट्र ने नस्लवाद की जांच शुरू की

जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु के बाद संयुक्त राष्ट्र ने नस्लवाद की जांच शुरू की

नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने मिनियापोलिस में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भेदभावपूर्ण और हिंसक पुलिस प्रणाली की निंदा की और अफ्रीकी मूल के लोगों के खिलाफ "प्रणालीगत नस्लवाद" पर एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। 47 सदस्यीय राज्य मंच ने सर्वसम्मति से अफ्रीकी देशों द्वारा लाये गये एक प्रस्ताव को अपनाते हुए कहा कि यूएएन की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बाचेलेट शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर सरकार की प्रतिक्रिया की जांच करेगी। जिसमें अत्यधिक बल का कथित उपयोग भी शामिल है और एक वर्ष के समय में निष्कर्ष प्रस्तुत करेगी। जिस अश्वेत की मौत एक श्वेत अधिकारी के घुटने के नीचे हुई उस व्यक्ति के भाई फिलॉनिस फ्लॉयड ने बुधवार को अमेरिकी पुलिस क्रूरता और नस्लीय भेदभाव की जांच के लिए मंच से आग्रह किया था। बुर्किना फासो के राजदूत डुडुने डब्लू डीसिर सौगौरी ने शुक्रवार को अफ्रीकी प्रस्ताव पेश किया, जिसमें सर्वसम्मति से इसे अपनाने का आग्रह किया गया। डुडुने डब्लू डीसिर सौगौरी ने कहा कि अफ्रीका को दिखाना महत्वपूर्ण है --मानवाधिकार परिषद ने अफ्रीकी और अफ्रीकी मूल के लोगों को समान व्यवहार और सभी के लिए समान अधिकारों को लागू करने के लिए कहा है।" दो साल पहले अपने सहयोगी इजराइल के खिलाफ पूर्वाग्रह का आरोप लगाते हुए मंच छोड़ने वाले ट्रम्प प्रशासन ने तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की है। जिनेवा में यू.एस. के राजदूत एंड्रयू ब्रेम्बर्ग ने कहा कि उनका देश " जांच से ऊपर नहीं है"। यह नस्लीय भेदभाव से जूझ रहा है, लेकिन फ्लॉयड की हत्या के बाद पुलिस सुधारों को लागू कर रहा है। हिन्दुस्तान समाचार/राकेश सिंह-hindusthansamachar.in

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