नेनेपाल मे चीनी दूतावास से जार्ज को फ़ंडिंग का आरोप लगा था
नेनेपाल मे चीनी दूतावास से जार्ज को फ़ंडिंग का आरोप लगा था

नेनेपाल मे चीनी दूतावास से जार्ज को फ़ंडिंग का आरोप लगा था

पटना, 25 जून (हि.स.)। आपातकाल के दौर मे बड़ोदा डायनामाइट केस की बहुत चर्चा हुई थी जिसमें सोशलिस्ट नेता जार्ज फ़र्नान्डिस का नाम सब से ऊपर था या यूँ कहे कि उन्हीं के नाम के कारण यह मामला अधिक गर्म हुआ था । वैसे उस केस मे कुछ और नाम भी जुड़े थे। उसी मे एक नाम पत्रकार सुरेन्द्र किशोर का था जो उस समय सुरेन्द्र अकेला के नाम से लिखते थे। किशोर बताते है कि सी बी आई इस केस की जॉच कर रही थी और जार्ज पर देशद्रोह का आरोप मढ़ने के लिये ऐसा मामला बना रही थी कि काठमांडू स्थित चीनी दूतावास से उन्हें फ़ंडिंग होती थी। रिपोर्ट मे लिखा गया कि सुरेन्द्र अकेला बराबर काठमांडू जाते थे और चीनी दूतावास से ब्रीफ़केस भर कर रक़म लाते थे। हँसते हुए किशोर कहते है कि वह अपने जीवन मे अभी तक नेपाल गये ही नहीं और न तो जार्ज ने उनको कभी काठमांडू जाने को कहा लेकिन वह मानते है कि वह कानपुर से पैसा अवश्य लाकर जार्ज को पहुँचाते थे । बड़ौदा डायनामाइट केस मे एक नाम पत्रकार के विक्रम राव का भी था। किशोर गिरफ़्तारी से बचने के लिए मेघालय निकल गये जहां उनके बहनोई की कपड़े की दुकान थी। किशोर केस से पर्दा उठाते हुए कहते है कि गुजरात के उससमय के खनन मंत्री के सहयोग से खनन मे उपयोग होने वाला डायनामाइट बड़ौदा से आता था और इससे जार्ज को बहुत सहूलियत मिल गई थी। एक बार पटना के बस स्टैंड के पास ठेला पर लदे डायनामाइट के बक्सों को पुलिस ने पकड़ लिया और जो भी पकड़ाया उस ने सब का नाम उगल दिया। उधर सी बी आई किशोर को गिरफ़्तार करने के लिए पूरी तरह सरगर्मी से लगी थी। उसकी टीम उस समय के मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के कार्यालय पहुँची और वहॉ एक पदाधिकारी शिवानंदन पासवान से किशोर के विषय मे पूछताछ की। पासवान किशोर को जानते थे फिर भी कह दिया कि वह नहीं जानते। उन्होंने एक दूसरे पदाधिकारी लक्ष्मी साहू को कहा कि तुरंत किशोर को ख़बरदार करे कि वह चुपचाप कही निकल जाये। उसके बाद ही वह मेघालय चले गये। हिन्दुस्थान समाचार/फैजान-hindusthansamachar.in

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