हरिद्वार में बाढ़ गंगा में जारी अवैध खनन पर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश
नैनीताल, 12 जून (हि.स.)। हाइकोर्ट ने लक्सर हरिद्वार में बहने वाली बाढ़ गंगा में ग्राम प्रधान व उसकी पत्नी के द्वारा स्टोन क्रशर संचालकों के साथ मिलकर अवैध खनन किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य सरकार से पूछा है कि क्या खनन के लिए पर्यावरण मंत्रालय, भारत सरकार की अनुमति लेनी आवश्यक है और इसके लिए कोई गाइड लाइन जारी की है तो कोर्ट को अवगत करायें। कोर्ट ने इस प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 जून की तिथि नियत की। मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार ग्राम सुठारी लक्सर हरिद्वार निवासी साजिद ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि लक्सर हरिद्वार में बहने वाली बाढ गंगा में ग्राम प्रधान व उसकी पत्नी द्वारा स्टोन क्रशर मालिकों के साथ मिलकर वहां खनन किया जा रहा है । इस कारण नदी में बड़े बड़े गड्ढे हो गए है। याचिका में कहा कि बरसात के समय गांव मे बाढ़ आने का खतरा बढ़ गया है। खनन माफिया द्वारा पर्यवारण मंत्रालय व भारत सरकार की अनुमति तक नहीं ली गयी है, जिससे पर्यावरण को काफी नुकसान हो रहा है। याचिकाकर्ता ने वहां चल रहे अवैध खनन पर रोक लगाने की मांग की थी। पक्षों की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस प्रकरण पर स्थिति स्पष्ट करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 जून की तिथि नियत की। हिन्दुस्थान समाचार/.लता नेगी-hindusthansamachar.in