फिनलैंड की संसद ने यूरोपीय संघ की आर्थिक राहत योजना की वैधता पर सवाल उठाए
फिनलैंड की संसद ने यूरोपीय संघ की आर्थिक राहत योजना की वैधता पर सवाल उठाए

फिनलैंड की संसद ने यूरोपीय संघ की आर्थिक राहत योजना की वैधता पर सवाल उठाए

नई दिल्ली, 12 जून (हि.स.)। फिनलैंड की संसद की संवैधानिक समिति ने शुक्रवार को यूरोपीय संघ के प्रस्तावित 750 अरब यूरो के कोरोनोवायरस आर्थिक राहत पैकेज के कानूनी आधारों को ध्यान में रखते हुए फिनलैंड की सरकार से इस मामले पर सतर्क रहने का आग्रह किया। सरकारी प्रस्तावों को अपनाने से पहले उनकी संवैधानिकता पर विचार करने वाली समिति ने कहा कि यूरोपीय आयोग की वित्तपोषण योजना बड़े आकार की है और यूरोपीय संघ के कामकाज में एक नए प्रकार के तत्व का प्रतिनिधित्व करती है। यूरोपीय संघ की कार्यकारिणी के 2021-27 में 1.1 ट्रिलियन यूरो के संयुक्त खर्च को पूरा करने के लिये ऋण की अभूतपूर्व रकम (845 बिलियन डॉलर के बराबर) को बढ़ाने के प्रस्ताव पर यूरोपीय संघ के 27 सदस्यीय देशों में 19 जून को बातचीत होगी। इस पैकेज को अपनाने के लिए 27 देशों के सर्वसम्मत समर्थन की आवश्यकता होती है। विवाद के प्रमुख बिंदुओं में से एक बड़ा मुद्दा अनुदान के रूप में या चुकाने योग्य ऋण के रूप में वितरित रकम का अनुपात तय करना है। फिनलैंड सहित कई मितव्ययी सदस्यों का एक समूह ऋण को ज्यादा अनुपात देना चाहते हैं। फिनलैंड की संवैधानिक समिति का मानना है कि फिनलैंड को अपने बजट पर निर्णय लेने की क्षमता को यथासंभव प्रभावी रूप से संरक्षित किया जाना चाहिए। पिछले हफ्ते सरकार ने कहा कि मौजूदा रूप में यूरोपीय संघ के पैकेज को वह खारिज कर देगी, लेकिन आगे की बातचीत के लिए दरवाजा खुला छोड़ दिया। जबकि संवैधानिक समिति के बयानों को फिनिश संसद में बाध्यकारी माना जाता है। हिन्दुस्थान समाचार/राकेश सिंह-hindusthansamachar.in

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