प्रवासी मजदूरों को गांव में ही मिलेगा रोजगार, खर्च होंगे 50 हजार करोड़ रुपये:  वित्‍त मंत्री
प्रवासी मजदूरों को गांव में ही मिलेगा रोजगार, खर्च होंगे 50 हजार करोड़ रुपये: वित्‍त मंत्री

प्रवासी मजदूरों को गांव में ही मिलेगा रोजगार, खर्च होंगे 50 हजार करोड़ रुपये: वित्‍त मंत्री

प्रजेश शंकर -प्रधानमंत्री 20 जून को गरीब कल्याण रोजगार अभियान करेंगे शुरुआत -इस अभियान के लिए सरकार ने रखा है 50 हजार करोड़ रपये का बजट नई दिल्ली, 18 जून (हि.स.)। कोविड-19 की महामारी और लॉकडाउन के कारण अपने गांव लौट चुके लाखों प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए केंद्र सरकार 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान' की शुरुआत करेगी। इस अभियान पर 50 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 जून को बिहार के खगडि़या इस अभियान की शुरुआत करेंगे। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को इसकी जानकारी दी। सीतारमण कहा कि 'गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत सरकार प्रवासी मजदूरों को उनके गांव में ही काम देगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यहां आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में गरीब कल्याण रोजगार अभियान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान को 6 राज्यों के 116 जिलों में 125 दिनों तक प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए मिशन मोड में चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत 50 हजार करोड़ रुपये के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे। इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार मंत्री मंत्री संतोष गंगवार और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे। सीतारमण ने कहा कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के बारे में कहा कि इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के साथ रोजगार को पैदा करना है। इस योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के खगड़िया जिले से 20 जून को बिहार के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री की मौजूदगी में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस अभियान की शुरुआत करेंगे। वित्त मंत्री ने कहा कि इस अभियान को 12 अलग-अलग मंत्रालय और विभागों के साथ कोआर्डिनेशन कर चलाया जाएगा। इसमें ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन और हाइवे, खनन, ड्रिंकिंग वाटर एंड सैनिटाइजेशन, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम, बॉर्डर रोड, टेलीकॉम और एग्रीकल्चर आदि का समावेश होगा। सीतारमण ने बताया कि इन 116 जिलों में बिहार में 32 जिलों, उत्तर प्रदेश में 31 जिलों, मध्य प्रदेश में 24 जिलों, राजस्थान में 22 जिलों, उड़ीसा में 4 जिलों, झारखंड में 3 जिलों को शामिल किया जाएगा, जिसमें दो तिहाई प्रवासी मजूदरों को कवर किए जाने की उम्मीद है। बता दें कि इस अभियान से करीब 67 लाख लोगों को फायदा होगा। हिन्दुस्थान समाचार-hindusthansamachar.in

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