स्मृति शेषः आखिरी किरदार निभाने से पहले मूंद ली आंखें
स्मृति शेषः आखिरी किरदार निभाने से पहले मूंद ली आंखें

स्मृति शेषः आखिरी किरदार निभाने से पहले मूंद ली आंखें

-बथौं फिल्म के लिए अक्टूबर में करनी थी अशोक मल्ल को शूटिंग -कौथिग, बंटवारूं समेत कई हिट उत्तराखंडी फिल्मों में रहे नायक देहरादून, 08 जुलाई (हि.स.)। उत्तराखंडी फिल्मों के जाने-माने अभिनेता अशोक मल्ल अपनी आंखों में हसरत लिए अनंत यात्रा पर चल पडे़ हैं। हसरत लंबे समय बाद फिल्मी पर्दे पर दिखाई देने की थी। कोरोना काल नहीं होता, तो उर्मि नेगी की बथौं फिल्म के लिए वह कब की शूटिंग कर चुके होते। बहरहाल, तैयारी अक्टूबर से शूटिंग करने की थी लेकिन अपनी फिल्मी पर्दे पर अशोक मल्ल अपना आखिरी किरदार निभा नहीं पाए। अशोक मल्ल के साथ उत्तराखंड की तमाम हिट फिल्में जुड़ी हैं। गढ़वाली की शानदार फिल्म कौथिग के नायक अशोक मल्ल को कौन भूल सकता है। बंटवारूं का जिक्र हो जाए, मेरी गंगा होली त मिमा आई, जैसी तमाम फिल्में हैं। कुमाऊंनी की पहली फिल्म मेघा आ में भी इस बेहतरीन कलाकार की अदाकारी के जलवे देखने को मिले हैं। कौथिग समेत कई फिल्मों में उनकी नायिका रही उर्मि नेगी के लिए अशोक मल्ल की मौत की खबर किसी आघात से कम नहीं है। उर्मि नेगी निर्माता निर्देशक भी हैं। उर्मि नेगी के मुताबिक अपनी निर्माणाधीन फिल्म बथौं के लिए उन्होंने अशोक मल्ल को एक भूमिका के लिए चुना था। हम दोनों ने लंबे समय से साथ काम नहीं किया था। इसलिए दोनों ने तय किया कि बथौं में साथ काम करना है। उर्मि बताती हैं कि जैसे ही मैने उन्हें इस रोल का ऑफर दिया, उनकी आंखों में चमक आ गई। अप्रैल में शूटिंग के लिए उन्होंने सहमति दे दी थी, लेकिन लाॅकडाउन की वजह से यह नहीं हो पाया। अब अक्टूबर से शूटिंग शुरू होगी। उर्मि को बेहद अफसोस है कि उनकी इस फिल्म में अब अशोक मल्ल नहीं होंगे। कौथिग की नायिका रह चुकी उर्मि नेगी ने पुरानी बातों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया-कौथिग की शूटिंग के दौरान हम दोनों खूब साथ रहे। उस वक्त निर्माता निर्देशक ने उन्हें एक रेडियो दिया हुआ था। मनोरंजन के अन्य माध्यम हुआ नहीं करते थे। इसलिए अक्सर अशोक मल्ल उनके पास आकर रेडियो सुना करते थे। कौथिग में अशोक मल्ल के साथ काम कर चुके अभिनेता गोविंद राणा भी बेहद दुखी हैं। राणा के अनुसार फिल्म इंडस्ट्री में उनसे बेहतर कलाकार और इंसान और कोई दूसरा नहीं हो सकता। वह याद करते हुए बताते हैं कि देहरादून, पिथौरागढ़ से लेकर मुंबई तक कई जगहों पर उनका साथ रहा। लोक कलाकार और गीतकार, गायक हेमवती नंदन भट्ट को अच्छे से याद है कि ऋषिकेश में पहली मुलाकात में उन्होंने किस कदर हौसला अफजाई की थी। हिन्दुस्थान समाचार/विपिन बनियाल-hindusthansamachar.in

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