राष्ट्र-और-समाज-के-प्रकाश-स्तंभ-थे-स्वामी-दयानन्द-सरस्वती
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राष्ट्र और समाज के प्रकाश स्तंभ थे स्वामी दयानन्द सरस्वती

महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन त्रैकालिक, सार्वभैमिक एवं सार्वदेशिक होता है और युग-युगों तक समाज का पथदर्शन करता है। स्वामी दयानंद सरस्वती हमारे समाज एवं राष्ट्र के ऐसे ही एक प्रकाश स्तंभ हैं, जिन्होंने न केवल धर्मक्रांति की बल्कि राष्ट्रक्रांति के भी क्लिक »-www.prabhasakshi.com

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