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हर युवा के लिए प्रेरणा के सबसे बड़े स्रोत हैं स्वामी विवेकानंद
स्वामी विवेकानंद जी की वाणी भारतीयता से ओतप्रोत थी। विवेकानंद जी जब भी बोलते थे, उनके एक एक शब्द में भारत का प्रस्फुटन होता था। वे निश्चित रूप से उस भारतीय संस्कृति के संवाहक थे, जो समस्त विश्व के दिशादर्शक हैं। तभी तो वे कहते थे कि भारतीय संस्कृति केवल क्लिक »-www.prabhasakshi.com