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स्कैम 1992 के लेखक सुमित पुरोहित: इतिहास फिल्म की कहानी याद रखता है,बॉक्स ऑफिस की नहीं

मुंबई, 30 जून (आईएएनएस)। फेमस वेब सीरीज स्कैम 1992 द हर्षद मेहता स्टोरी के लेखक और निर्देशक सुमित पुरोहित कहते हैं कि कहानी कहने में अव्यवस्था को तोड़ने का एकमात्र तरीका एक कहानी को ²ढ़ विश्वास के साथ बताना है, क्योंकि हर कहानी में एक दर्शक होता है। प्रतिभा पहल बाफ्टा ब्रेकथ्रू इंडिया के लिए इस देश के 10 चयनित प्रतिभागियों में से एक, पुरोहित ने आईएएनएस को बताया, स्कैम 1992 की सफलता केवल तभी दिखाती है जब आप कुछ नया प्रस्तुत करते हैं। एक व्यक्तिगत कहानी जहां दर्शक कहानी के पात्रों के साथ जुड़ सकते हैं। स्कैम 1992 एक ऐसी कहानी थी, जिसमें कोई तथाकथित लोकप्रिय अभिनेता नायक के रूप में नहीं था और यह एक छोटी सी कहानी थी। इसमें एक इंडी वाइब थी। वास्तव में, विषय, व्यवसाय, द शेयर बाजार मुख्यधारा में बिल्कुल नहीं थे। उन्होंने आगे कहा, यह एक व्यक्ति की व्यक्तिगत यात्रा थी, उसने ²ढ़ विश्वास के साथ और समझौता नहीं किया, और सब कुछ (निर्देशक) हंसल (मेहता) की दूरदर्शिता के कारण संभव था। वह कभी भी कहानी से समझौता नहीं करते है। क्या मनोरंजन का व्यवसाय एक बेहतर ढांचा ढूंढ रहा है और शायद यही वजह है कि युवा लेखकों को अधिक प्रेरणा मिल रही है? उन्होंने जवाब दिया, देखिए, हम कहते रहते हैं कि पिछले पांच वर्षों में लेखकों को अधिक पहचान मिल रही है, लेकिन मैं कहूंगा, एक अच्छी फिल्म बनाने में एक लेखक की भूमिका शुरूआत से ही हमेशा रही है। फिल्म बनाने का पहला कदम एक लेखन है। उन्होंने आगे कहा, इसीलिए जब हम अपने भारतीय सिनेमा के इतिहास को देखते हैं, तो सबसे महत्वपूर्ण और पथप्रदर्शक फिल्में वे हैं जो निडरता से बताई जाती हैं, अव्यवस्था को तोड़कर चलन से दूर जा रही हैं। आप देखते हैं, इतिहास को बॉक्स ऑफिस कलेक्शन याद नहीं है लेकिन फिल्म की कहानी याद रहती है। यहां तक कि दर्शक भी कहानी को याद करते हैं। इसलिए, लेखन रीढ़ की हड्डी है और यह केंद्र में है। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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