Pahari talents will be blown out of the theater: Hemant Pandey
Pahari talents will be blown out of the theater: Hemant Pandey

थियेटर से निखारी जाएंगी पहाड़ की प्रतिभाएंः हेमंत पांडेय

गुप्तकाशी, 09 जनवरी (हि.स.)। पहाड़ में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। उन्हें फलक पर लाने के लिए तराशने की जरूरत है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो निकट भविष्य में केदारघाटी समेत कई अन्य कस्बों में थियेटर के माध्यम से युवाओं तथा बच्चों को अभिनय की बारीकियां सिखाई जाएगी। यह बात परिवार के साथ केदारघाटी पहुंचे बॉलीवुड अभिनेता हेमंत पांडे ने 'हिन्दुस्थान समाचार' से बातचीत में कही । केदारघाटी के गुप्तकाशी,चोपता कालीमठ ,कविल्ठा, देवर आदि स्थानों का भ्रमण कर यहां पहुंचे पांडे को केदारघाटी के कण-कण में शिव का वास नजर आता है । हेमंत कहते हैं कि पहाड़ों में कला की नैसर्गिक प्रतिभा छुपी है। संसाधनों के अभाव में यह प्रतिभा इन्हीं कंदराओं में दम तोड़ रही है। उन्होंने कहा कि अगस्त्य ऋषि, महाकवि कालिदास समेत कई अन्य तपस्वी और प्रतिभाओं का जन्मस्थली भी केदारघाटी ही है। इन विभूतियों की जन्मस्थली को कथानक के माध्यम से लोगों के समक्ष प्रस्तुत करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि केदारघाटी पांडवों का मोक्ष स्थान है। यहां असीम आध्यात्मिक शांति महसूस होती है। कृष फिल्म में बहादुर का रोल निभा कर अपने अभिनय से दर्शकों के दिल में जगह बनाने वाले हेमंत पांडेय वास्तविक जीवन में भी बहुत सरल और सुलभ हैं। चौखम्बा पर्वत की खूबसूरती उनके दिल को सुकून पहुंचाती है तो वही चोपता के मखमली बुग्याल और खेतों में चरते बैलों के गले की घंटियां उन्हें बरबस अपने बचपन की याद दिलाती हैं। पिथौरागढ़ में जन्मे हेमंत 18 वर्ष की उम्र में गांव से बाहर आकर अपने सुखद भविष्य की तलाश में दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली में उन्होंने थियेटर की बारीकियां सीखीं। हिन्दुस्थान समाचार/बिपिन सेमवाल/मुकुंद-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in