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ममूटी ही नहीं, मधु और अदूर को भी सम्मानित किया जाना चाहिए

तिरुवनंतपुरम, 11 अगस्त (आईएएनएस)। मलयालम फिल्म उद्योग में सुपरस्टार ममूटी की स्वर्ण जयंती पूरी होने पर उन्हें सम्मानित करने के केरल सरकार के फैसले की आलोचना इस मांग के साथ हुई है कि मधु और अदूर गोपालकृष्णन जैसे दिग्गजों को भी सम्मान होना चाहिए। यह मुद्दा 1987 में सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता जॉर्ज सेबेस्टियन द्वारा उठाया गया, जो केरल में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के सहयोगी डेमोक्रेटिक पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। मंगलवार को, संस्कृति और फिल्म राज्य मंत्री, साजी चेरियन, जिन्होंने केरल विधानसभा के चल रहे सत्र में बताया कि राज्य सरकार ममूटी को उनके इस उपलब्धि के लिए सम्मानित करेगी। सेबस्टियन ने कहा कि सभी जानते हैं कि ममूटी को सम्मानित करने के लिए पिनाराई विजयन सरकार की जल्दबाजी सही नहीं है। फिल्म उद्योग में प्रशंसित निर्देशक अदूर गोपालकृष्णन जैसे अन्य जीवित दिग्गज हैं, वहीं अभिनेता, निर्देशक और निमार्ता मधु का उल्लेख नहीं किया गया है। निष्पक्षता के साथ इन दो दिग्गजों को भी सम्मान मिलना चाहिए। सेबेस्टियन ने आगे कहा कि अगर कोई ममूटी के सम्मान के पीछे तुष्टीकरण की राजनीति का मुद्दा उठाता है, तो उसके लिए किसी को दोष नहीं देना चाहिए। सेबस्टियन ने कहा कि किसी भी सामाजिक रूप से प्रतिबद्ध सरकार के लिए उन्हें यह देखने का प्रयास करना चाहिए कि सभी क्षेत्रों में न्याय हो। 88 वर्षीय मधु ने अपने करियर में, जो साठ के दशक में शुरू हुआ था, 400 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है। संयोग से, ममूटी की पहली फिल्म अनुभवेंगल पल्लीचेकेल 1971 में आई थी, जब वह तत्कालीन दिग्गज सत्यन के साथ एक ²श्य में दिखाई दिए थे। --आईएएनएस एमएसबी/आरजेएस

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