'ब्रीद इनटू द शैडोज' रिव्यू : अभिषेक-नित्या का शानदार डेब्यू, अमित की पावरपैक परफॉर्मेंस, फिर भी फीकी रह गई कहानी
'ब्रीद इनटू द शैडोज' रिव्यू : अभिषेक-नित्या का शानदार डेब्यू, अमित की पावरपैक परफॉर्मेंस, फिर भी फीकी रह गई कहानी

'ब्रीद इनटू द शैडोज' रिव्यू : अभिषेक-नित्या का शानदार डेब्यू, अमित की पावरपैक परफॉर्मेंस, फिर भी फीकी रह गई कहानी

वेब सीरीज : ब्रीद इनटू द शैडोज स्टारकास्ट : नित्या मेनन, अभिषेक बच्चन और अमित साध डायरेक्टर : मयंक शर्मा स्टार : 3/5 अभिषेक बच्चन की डिजिटल डेब्यू वेब सीरीज ब्रीद इनटू द शैडोज अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई है। फिल्म में अभिषेक बच्चन के साथ नित्या मेनन और अमित साध भी अहम रोल में है। आइए आपको बताते हैं कैसी है वेब सीरीज ब्रीद इनटू द शैडोज स्टोरी साइकॉलोजिकल सीरीज ब्रीद इनटू द शैडोज साल 2018 में आई ब्रीद का सीक्वल है। इस बार की कहानी है दिल्ली के मनोचिकित्सक अविनाश सब्रवाल (अभिषेक बच्चन) की, जो अपनी फील्ड का हीरो है, लेकिन इन सबसे अलग उसकी एक आम जिंदगी है। अविनाश की वाइफ आभा (नित्या मेनन) एक सेफ है और उनकी 3-4 साल की बेटी है-सिया (इवाना कौर)। इस परिवार की खूबसूरत जिंदगी उस दिन अंधेरे में डूब जाती है, जब अविनाश और आभा की बेटी सिया अपनी दोस्त की बर्थडे पार्टी से गायब हो जाती है। दिल्ली पुलिस से लेकर क्राइम ब्रांच तक सिया को ढूंढने के लिए दिल्ली की हर गली तक छान देती है, लेकिन सिया कहीं नहीं मिलती। 9 महीने बाद अविनाश को एक पार्सल मिलता है, जिससे उन्हें पता चलता है कि उनकी बेटी जिंदा है। लेकिन यहां कहानी में ट्विस्ट है। किडनैपर को ना पैसे चाहिए और ना ही कुछ और, बल्कि वो अलग ही खेल खेलना चाहता है। यहां से शुरू होता माइंड गेम का सिलसिला। किडनैपर अविनाश और उसकी वाइफ को मर्डर टास्क देता है, जिनका कनेक्शन रावण के 10 सिर यानी की इंसान की दस नकारात्मक भवानाओं से है। बेटी को बचाने की चाहत में ये कपल इस माइंड गेम का हिस्सा बन जाता है। वहीं दूसरी तरफ अपने गिल्ट को जिंदगी का हिस्सा बना चुके इंस्पेक्टर कबीर सावंत (अमित साध) मुंबई से दिल्ली ट्रांसफर करा लेते हैं और फिर शुरू होता है शतरंज का खेल। डायरेक्शन और एक्टिंग मयंक शर्मा के डायरेक्शन में कमियां साफ नजर आती हैं, लेकिन सिनेमोटिग्राफी और एडिटिंग शानदार है। अभिषेक बच्चन का डेब्यू शानदार है, अमित साध एक बार फिर पावर पैक परफॉर्मेंस देते नजर आ रहे हैं, वहीं नित्या मेनन ने भी अपनी डेब्यू सीरीज में शानदार काम किया है। कमी है तो सिर्फ राइटिंग और स्क्रीनप्ले में। एक साइको थ्रिलर बनाने की सबसे बड़ी खासियत ही यही होती है कि इसमें हर एक शॉर्ट का कोई अर्थ होता है, जबकि ब्रीद इनटू द शैडोज के कई सीन आपको सिर्फ इस सवाल के साथ छोड़ जाएंगे कि 'ये हुआ कैसे'। रिव्यू एक्टिंग शानदार है, लेकिन कहानी दमदार नहीं, राइटिंग में इस कदर मार खाई है कि कई जगह झपकी आ जाती है, फिर भी ड्रार्क और थ्रिलिंग सीरीज के शौकीनों के लिए ये उतनी बुरी नहीं है। हिन्दुस्थान समाचार/प्रीती/मोनिका-hindusthansamachar.in

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