मानेसर जमीन घोटाला: ईडी ने दाखिल की पूर्व सीएम हुड्डा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट
मानेसर जमीन घोटाला: ईडी ने दाखिल की पूर्व सीएम हुड्डा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट

मानेसर जमीन घोटाला: ईडी ने दाखिल की पूर्व सीएम हुड्डा के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट

- अब तक सौ करोड़ की संपत्ति की जा चुकी है अटैच चंडीगढ़, 07 जून (हि.स.)। हरियाणा की पूर्व हुड्डा सरकार के कार्यकाल में हुए मानेसर जमीन घोटाले में कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने सप्लीमेंटरी चार्जशीट दाखिल कर दी है। ईडी की इस कार्रवाई से पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। करीब डेढ हजार करोड़ रुपए के जमीन घोटाले की जांच सीबीआई कर रही है। आरोप है कि हुड्डा सरकार ने जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर तत्कालीन हुड्डा सरकार में किसानों की करोड़ों रुपये की जमीन सस्ते दामों पर खरीद ली गई और बाद में उसे मोटे दामों पर बिल्डरों ने ही दूसरे बिल्डरों के हवाले कर दिया। इस केस में ईडी द्वारा 108.79 करोड़ की संपति पहले ही अटैच की जा चुकी है। ईडी द्वारा दायर की गई चार्जशीट के मुताबिक हरियाणा सरकार ने साल 2004 में एक नोटिफिकिशन निकाला था, जिसमें कहा गया था कि सरकार मानेसर में 912 एकड़ जमीन में इंडस्ट्रीयल माडल टाउनशिप (आइएमटी) बनाना चाहती है। इसके लिये मानेसर के किसानों की जमीन को भी अधिग्रृहित किया जाएगा। आरोप है कि यह सब कुछ बिल्डरों की मिलिभगत से किया गया था। बिल्डरों ने मानेसर, नौरंगरपुर और लखनौला के किसानों को सस्ते दामों पर जमीन अधिग्रहण का डर दिखाकर 20 से 25 लाख रुपये में ही 350 एकड़ जमीन को हथिया लिया। इसके बाद बिल्डरों के कहने पर सरकार ने जमीन अधिग्रहण का नोटिफिकेशन निकाला और बिल्डरों ने 50 एकड़ जमीन को 1 से 1.5 करोड़ में खरीद लिया, जबकि उस समय जमीन की कीमत प्रति एकड़ करीब चार करोड़ रुपये थी। चार्जशीट के मुताबिक बाद में सरकार ने साल 2007 में जमीन अधिग्रहण का यह नोटिफिकेशन वापस ले लिया था। इससे जमीन मालिकों को करीब 1500 करोड़ का नुकसान हुआ था, जबकि बिल्डरों को इतनी ही राशि का फायदा पहुंचा था। बिल्डरों ने इस जमीन को किसानों से खरीदने के बाद दूसरे बिल्डरों को मंहगे दामों पर बेच दिया था, जिससे बिल्डरों को तो फायदा हुआ, लेकिन असल जमीन मालिकों को काफी नुकसान हुआ था। जांच में पता चला कि किसानों से सबसे ज्यादा जमीन एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेट के मालिक अतुल बंसल ने खरीदी थी और बाद में दूसरे बिल्डरों को महंगे दामों पर बेच दी थी। प्रवर्तन निदेशालय ने मानेसर में जमीन घोटाले में दूसरी सप्लीमेंटरी चार्जशीट एबीडब्ल्यू इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, उसके मालिक अतुल बंसल, पत्नी सोना बंसल, महामाया एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, शशिकांत चौरसिया, दिलिप ललवानी, वरिंदर उप्पल, विजय उप्पल, रविंदर तनेजा, टीडीआई इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड, विसडम रियलेटर्स प्राइवेट लिमिटेड और एबी रेफकांस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दायर की है। प्रवर्तन निदेशालय ने अपनी जांच गुरूग्राम पुलिस और बाद में सीबीआई की दर्ज एफआईआर के बाद शुरू की थी। इस पूरे मामले में सीबीआइ ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 34 आरोपियों के खिलाफ फरवरी 2018 में हरियाणा के पंचकूला स्थित स्पेशल कोर्ट में चार्जशीट भी दाखिल की थी। हिन्दुस्थान समाचार/संजीव/सुनीत-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in