सूर्यग्रहण : काशी में भगवान सूर्य के मुक्ति के लिए लोग कर रहे मौन आराधना, हनुमान चालीसा का पाठ
सूर्यग्रहण : काशी में भगवान सूर्य के मुक्ति के लिए लोग कर रहे मौन आराधना, हनुमान चालीसा का पाठ

सूर्यग्रहण : काशी में भगवान सूर्य के मुक्ति के लिए लोग कर रहे मौन आराधना, हनुमान चालीसा का पाठ

—गंगा तट पर बढ़ा सुरक्षा का घेरा,पुलिस कर रही गश्त,घाटों पर पसरा सन्नाटा वाराणसी, 21 जून (हि.स.)। वर्ष के पहले खंड ग्रास सूर्य ग्रहण आषाढ़ कृष्ण अमावस्या पर रविवार को लोग भगवान सूर्य की मुक्ति के लिए ग्रहण के स्पर्श काल (शुरूआत)से ही अपने घरों या आसपास के मंदिर परिसर में भगवान शिव और सूर्य की मौन उपासना में लीन है। इस दौरान लोग जिले में जगह—जगह महामृत्युंजय,हनुमान चालीसा के साथ आदित्य हृदयस्त्रोत, गायत्री मंत्र का पाठ कर रहे है। लगभग 900 वर्ष बाद मृगशिरा नक्षत्र व मिथुन राशि में लगे खंडग्रास कंकण सूर्यग्रहण के मोक्षकाल (समापन) तक लोग मौन उपासना करेंगे। ग्रहण काल में हनुमत शाखा चौका घाट चौराहा फ्लाईओवर के नीचे सांस्कृतिक प्रकोष्ठ महानगर के कार्यकर्ताओं ने योग कर विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा का पाठ किया। कोविड—19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए कार्यकर्ताओं ने शारीरिक दूरी के नियमों का भी पालन किया। इसमें भानु प्रताप सोनू, मनोज पांडेय, बृजेश श्रीवास्तव उदय,रुद्र राय, अभिषेक कनौजिया, धीरेंद्र कुमार,विकास तिवारी आदि शामिल रहे। काशी विश्वनाथ दरबार सहित सभी मंदिरों के कपाट बंद खंड ग्रास सूर्य ग्रहण के सूतक काल में ही धर्म नगरी काशी के प्रमुख मंदिरों के कपाट बंद हो गये। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और अन्नपूर्णा मंदिर के कपाट रविवार की सुबह बंद कर दिए गए। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह के अनुसार सूर्यग्रहण के कारण मध्याह्न भोग आरती सूतक पूर्ण होने के बाद की जाएगी। इसमें बाबा को केवल फलाहार का भोग लगेगा। भोग आरती संपन्न होने के बाद बाबा के कपाट आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। इसी तरह सूतक काल समाप्त होने के बाद नगर के अन्य मंदिरों के कपाट खुल जाएंगे। उधर, सूर्यग्रहण के मोक्ष काल के बाद गंगा तट पर स्नानार्थियों की भीड़ रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क है। कोरोना संकट के चलते गंगा स्नान पर लगे प्रतिबंध का पालन कराने के लिए जिला प्रशासन के निर्देश पर फोर्स ने सुरक्षा का घेरा बढ़ा दिया। प्रमुख घाटों पर फोर्स की गश्त देख श्रद्धालु मन मसोस कर घर में ही रहे, जिसके चलते घाटों पर पूर्वांह से ही सन्नाटा पसरा रहा। कुछ लोग गंगा स्नान के लिए पहुंचे तो पुलिस कर्मियों ने उन्हें सख्ती से लौटा दिया। गंगा घाटों की ओर जाने वाले सभी प्रमुख सड़कों व गलियों में भी पुलिस ने गश्त बढ़ा दिया। सूर्य ग्रहण के मोक्षकाल में गंगा स्नान और दान पुण्य की परम्परा को देख प्रशासन अतिरिक्त चौकसी बरत रहा है। इस बार सभी घाटों पर सख्ती के चलते सन्नाटा पसरा है। बताते चले कि, सूर्य ग्रहण के समय भगवान सूर्यदेव की मुक्ति के लिए धार्मिक कृत्य, स्नान और श्राद्ध-दान का विधान है। मान्यता है कि ग्रहण में मौन आराधना जीवन में सुख शान्ति प्रदान करता है। ग्रहण का स्पर्शकाल सुबह 10.20 बजे से शुरू होकर मध्यकाल में है। मोक्षकाल (समापन) 2.02 बजे होगा। भारत में सम्पूर्ण ग्रहणकाल 3 घंटा 33 मिनट का है। सूर्यग्रहण काल में एक साथ छह ग्रह वक्री चाल चल रहे है। बुध, गुरु, शुक्र, राहू व केतु ग्रह वक्री है। ऐसी स्थिति समाज के लिए कष्टकारी मानी जा रही है। इससे निजात पाने के लिए लोग मौन आराधना कर रहे है। हिन्दुस्थान समाचार/श्रीधर/उपेन्द्र/मोहित-hindusthansamachar.in

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