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दुर्ग: आरटीपीसीआर टेस्ट ज्यादा हो, सांसद विजय बघेल ने दुर्ग पहुंची केंद्रीय टीम से चर्चा की

दुर्ग 10 अप्रैल(हि. स.)। दुर्ग जिले में कोरोना की भयावह स्थिति को देखते हुए भारत सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम को दुर्ग जिले में कोरोना की स्थिति का निरीक्षण करने के लिए भेजा है। केंद्रीय टीम में शामिल भारत सरकार के ज्वाइंट सेक्रेटरी जिगमत तकपा, रीजनल डायरेक्टर एम ओ एच एफ डब्लू (रायपुर) के एम काम्बले, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट (कोलकाता) डॉ. लीना बंधोपाध्याय, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज दिल्ली के प्रोफेसर (मेडिसिन) डॉ. अनिल कुमार, एनएचएम के स्टेज प्रोग्राम मैनेजर जावेद कुरैशी के साथ दुर्ग सर्किट हाउस में सांसद विजय बघेल ने विस्तार से चर्चा की। कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने के बारे में पूछा जिस पर केंद्रीय टीम ने सांसद विजय बघेल को बताया कि दुर्ग जिले में आरटीपीसीआर टेस्टिंग केवल 10 प्रतिशत ही हो रही है और रैपिड टेस्टिंग ज्यादा हो रही है। जबकि कोरोना की सही पुष्टि आरटीपीसीआर टेस्ट से ही होती है, दुर्ग में आरटीपीसीआर वाली टेस्टिंग बढ़ाये जाने की आवश्यकता है। केंद्रीय टीम ने सांसद विजय बघेल को बताया कि दुर्ग जिले में कंट्रोल पैनल का अभाव है। कंट्रोल पैनल द्वारा प्रत्येक पॉजिटिव मरीज की स्थिति को आंकलित करना चाहिए और उसकी बीमारी का स्टेज देखकर उसे होम क्वॉरेंटाइन या हॉस्पिटलाइज्ड कराने की सलाह देनी चाहिए। होम क्वॉरेंटाइन वाले मरीजों को ऑक्सीमीटर देना चाहिए या उन्हें ऑक्सीमीटर खरीदने की सलाह देनी चाहिए। ताकि वे समय समय पर अपना अक्सीजन लेवल चेक करते रहें साथ ही स्वास्थ्य विभाग के कंट्रोल रूम से प्रत्येक मरीज को नियमित कॉल करके उसका ऑक्सीजन लेवल पूछा जाना चाहिए और ऑक्सीजन लेवल कम होने पर उन्हें अविलंब हॉस्पिटल में एडमिट करने हेतु स्वयं स्वास्थ्य विभाग द्वारा ही सक्रियता बरती जानी चाहिए। हिन्दुस्थान समाचार/अभय जवादे

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