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दुर्ग : अंतरराष्ट्रीय पंथी नर्तक डॉ. राधेश्याम को मिलेगा पद्म पुरस्कार

दुर्ग 26 जनवरी (हि. स.) भारत सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश से इस बार एकमात्र पद्म पुरस्कार विगत 42 वर्षों से लोक कला के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय पंथी नृतक डॉ राधेश्याम बारले को देने की कल घोषणा की। इस सूची में छत्तीसगढ़ से केवल एक को पद्मश्री पुरस्कार मिल रहा है। जिला दुर्ग के पाटन ब्लॉक के रहने वाले डॉ राधेश्याम बारल पंथी नृत्य के माध्यम से लोक चेतना के क्षेत्र में कार्य करते आ रहे हैं । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय पंथी नर्तक डॉ. राधेश्याम बारले को देश के प्रतिष्ठित सम्मान पद्मश्री अलंकरण 2021 के लिए चयनित होने पर बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि डॉ. बारले ने अपनी कला साधना से छत्तीसगढ़ और देश को गौरवान्वित किया है। केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा कल पद्म अवार्ड की घोषणा की गई। जिसमें कला के क्षेत्र में पद्मश्री अवार्ड के लिए छत्तीसगढ़ के डॉ. राधेश्याम बारले का नाम भी शामिल है। डॉ. बारले लोक कला पंथीनृत्य के ख्याति लब्ध नर्तक हैं। पंथी नृत्य के माध्यम से उन्होंने बाबा गुरू घासीदास के संदेशों को देश-दुनिया में प्रचारित और प्रसारित करने में अपना अमूल्य योगदान दिया है। डॉ. बारले का चयन बाबा गुरू घासीदास के प्रति सम्मान है। डॉ. बारले का जन्म दुर्ग जिले के पाटन तहसील के ग्राम खोला में 9 अक्टूबर 1966 को हुआ। इन्होंने एम.बी.बी.एस. के साथ ही इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय से लोक संगीत में डिप्लोमा किया है। डॉ. बारले को उनकी कला साधना के लिए कई सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। जिसमें मुख्य रुप से गुरु घासीदास सामाजिक चेतना एवं दलित उत्थान पुरस्कार 6 नवंबर 2012 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ प्रणव मुखर्जी के हाथों सम्मानित हुए। 5 नवंबर 2016 को आदिवासी सेवा एवं ट्रेवल क्षेत्र में विशेष जन जागृति हेतु राज्य अलंकरण पुरस्कार से सम्मानित किया गया इसी प्रकार से 31 मार्च 2008 को लोक कला के क्षेत्र में दिए जाने वाले राज्य अलंकरण पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके हैं दरबार ले आकाशवाणी रायपुर के बी ग्रेड एवं दूरदर्शन के नियमित कलाकार हैं। देश में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कई मंचों में एवं महोत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन कर चुके हैं। जनकल्याणकारी कार्यक्रमों में नशाबंदी ,दहेज प्रथा, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, परिवार नियोजन, साक्षरता, कुष्ठ उन्मूलन, पर्यावरण ,पल्स पोलियो, आयोडीन युक्त नमक, राष्ट्रीय सद्भावना, स्तनपान ,महिला सशक्तिकरण, आतंकवाद, अलगाववाद, नक्सलवाद, इंद्रधनुष अभियान ,पंचायती राज, कैंसर एवं एड्स आदि लगभग 1200 मंचीय प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रेम दया अहिंसा सद्भाव राष्ट्रीय व प्रदेश के कोने-कोने में जगाने का अनूठा कार्य किया है। उनके द्वारा अमेरिका एवं मेक्सिको के पर्यटकों को छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति लोक नृत्य का विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया है। हिन्दुस्थान समाचार/अभय जवादे-hindusthansamachar.in

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