durg-helmet-awareness-rally-3939-suggested-public-to-wear-helmet-judges-participated-in-rally
durg-helmet-awareness-rally-3939-suggested-public-to-wear-helmet-judges-participated-in-rally

दुर्ग : हेलमेट जागरूकता रैली’’ के माध्यम से जनमानस को हेलमेट पहनने का दिया सुझाव, न्यायाधीशगण ने रैली में लिया भाग

दुर्ग, 24 जनवरी (हि. स.)। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के द्वारा रविवार को दुपहिया वाहन की दुर्घटनाओ तथा युवा वर्ग में दुपहिया वाहन को तेज गति से चलाये जाने की परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए वाहन चालन संबंधी नियमों के प्रति जनमानस में जागरूकता लाये जाने के संबंध में ’’ हेलमेट जागरूकता रैली’’ आयोजित की गई। हेलमेट जागरूकता रैली का शुभारंभ राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष के द्वारा तथा जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष गुलाब सिंह पटेल के द्वारा न्याय सदन गौरव पथ दुर्ग से झंडा दिखाकर शुभारंभ किया गया। हेलमेट जागरूकता रैली न्याय सदन, गौरव पथ, नगर निगम से प्रारंभ होकर इंदिरा मार्केट रोड से होते हुए रेल्वे स्टेशन तथा विश्राम गृह होते हुए वापस न्याय सदन गौरव पथ पर समाप्त हुआ। राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि नक्सली हमले में जितने लोगों की मृत्यु नही होते उससे कही अधिक मृत्यु वाहन दुर्घटनाओं से होती है। वाहन चालक हेलमेट नही पहनते वो केवल जुर्माना से बचने के लिए हेलमेट पहनना जरूरी समझते है जो बिल्कुल सही नही है। हेलमेट खुद के सिर की सुरक्षा के लिए आवश्यक है। हेलमेट पहनने वाले वाहन चालक को कम शाररिक क्षति होती है। आज का दिन उन लोगों को जागरूक करेगा जो यह समझते है कि हेलमेट पहनने से जान नही बचती।रैली के माध्यम से लोगों में हेलमेट पहनने के प्रति जागरूक करना तथा हेलमेट पहनने पर दुर्घटना में सिर पर लगने वाली चोट से बचने की जानकारी दी गई। यह देखने में आया है कि युवा वर्ग अत्यधिक तेज गति से बिना हेलमेट के अनियंत्रित होकर दुपहिया वाहन को स्पोर्ट्स बाइक की तरह चलाकर स्टंट करते है । ऐसे चालक दुर्घटना को स्वयं बुलाते है और अपने जान को जोखिम में डालते है । जागरूकता रैली के माध्मय से अधिक से अधिक लोगों तक इस तथ्य को सामने लाया गया कि वाहन दुर्घटना में हेलमेट उन्हें सुरक्षा देता है हेलमेट पहनने से वे सुरक्षित अपने परिवार के पास पहॅूच सकते है। इस जागरूकता रैली में लगभग 600 लोग शामिल हुए। हिन्दुस्थान समाचार/अभय जवादे-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in