जेल में बंद डॉ. कफील ने पीएम को पत्र भेजकर कोरोना के इलाज की इजाजत मांगी
जेल में बंद डॉ. कफील ने पीएम को पत्र भेजकर कोरोना के इलाज की इजाजत मांगी

जेल में बंद डॉ. कफील ने पीएम को पत्र भेजकर कोरोना के इलाज की इजाजत मांगी

जेल में बंद डॉ. कफील ने पीएम को पत्र भेजकर कोरोना के इलाज की इजाजत मांगी मथुरा, 27 मार्च (हि.स.)। अलीगढ़ जेल से मथुरा कारागार में शिफ्ट हुए डॉ. कफील खान ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्वयं को रिहा करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि कोरोना वायरस के इस संकट के दौर में वे लोगों की जान बचाने के लिए स्वयं चिकित्सा कार्य करना चाहते हैं। अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में 12 दिसंबर को सीएए के खिलाफ बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर कफील खान ने विरोध प्रदर्शन किया था। इसके बाद अलीगढ़ में दंगे हुए। 29 जनवरी को डॉक्टर कफील खान को मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया गया। डॉ. कफील खान को पहले अलीगढ़ जिला कारागार में रखा गया जहां से 13 फरवरी को मथुरा जिला कारागार में शिफ्ट किया गया। जिला कारागार में बंद डॉ. कफील खान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कोरोना वायरस संक्रमण से निपटने के लिए एक पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि उन्हें मथुरा जिला कारागार से रिहा करके कोरोना से पीड़ित मरीजों का इलाज करने दिया जाए। 19 मार्च को लिखे गए इस पत्र को उनकी पत्नी डॉ. शाबिस्ता खान ने उनके ट्विटर अकाउण्ट के माध्यम से प्रधानमंत्री, प्रधानमंत्री कार्यालय एवं संयुक्त राष्ट्र को बुधवार को टैग करते हुए ट्वीट किया। मथुरा जिला कारागार के जेलर अरुण पाण्डेय ने शुक्रवार को पत्र भेजे जाने की पुष्टि की, किंतु वह उसकी सही तिथि नहीं बता सके। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार दक्षिण कोरिया के समान अधिकाधिक जांच एवं निगरानी तथा चीन के समान अधिक दृढ़ता से सोशल डिस्टेंस लागू करे। इसके अलावा रैपिड लैब टेस्टिंग सेण्टरों की स्थापना, हर जिले में कम से कम 100 आईसीयू, 1000 आइसोलेशन बेड, डाक्टरों-नर्सों, आयुष चिकित्सकों, निजी चिकित्सकों को विशेष प्रशिक्षण आदि जैसी कई बातें कहीं हैं। हिन्दुस्थान समाचार/महेश/सुनीत-hindusthansamachar.in

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