आईजी और डीआईजी ने की जीतू सोनी से पूछताछ
आईजी और डीआईजी ने की जीतू सोनी से पूछताछ

आईजी और डीआईजी ने की जीतू सोनी से पूछताछ

रिमांड के दौरान फरारी में मदद करने वालों की जुटा रहे जानकारी इंदौर, 29 जून (हि.स.)। इंदौर में होटल माय होम में 67 महिलाओं को बंधक बनाकर रखने, मानव तस्करी, लूट जैसे 64 आपराधिक प्रकरणों में फरार डेढ़ लाख रुपये से अधिक के इनामी आरोपित जितेंद्र उर्फ जीतू सोनी को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने पुलिस रिमांड पर सौंपा है। इस दौरान जीतू से पूछताछ की जा रही है। रविवार की रात में आईजी विवेक शर्मा और डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र ने करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। बताया जाता है कि जीतू के फरारी काटने के स्थानों और इसमें मदद करने वालों का पता पुलिस द्वारा लगाया जा रहा है। जीतू सोनी की पुलिस को लंबे समय से उसकी तलाश थी। उसकी तलाश में एसटीएफ टीम मुंबई और गुजरात में लगातार छापामार कार्रवाई कर रही थी। इस बीच इंदौर आईजी विवेक शर्मा को क्राइम ब्रांच के माध्यम से एक अहम् जानकारी लगी कि जीतू गुजरात के बड़ोदरा के पास अमरेली जिले में एक फार्म हाउस पर छिपा हुआ है। आईजी शर्मा व डीआईजी हरिनारायण चारी मिश्रा ने मिशन को गोपनीय रखते हुए क्राइम ब्रांच की दो टीमों को इंदौर से रवाना किया और आखिरकार पुलिस ने जीतू को पकड़ लिया। रविवार को कोर्ट में पेश करने के बाद जीतू को तीन जुलाई तक रिमांड पर सौंपा गया है। इस दौरान जीतू से कड़ी पूछताछ करते हुए यह पता लगाया जा रहा है कि इंदौर से भागने और फरारी के दौरान किन-किन लोगों ने मदद की थी। सूत्र बताते हैं कि कुछ लोगों की जानकारी भी पुलिस को मिली है। वहीं गुजरात के अलावा मुंबई, पश्चिम बंगाल में भी फरारी काटने की जानकारी मिली है। अधिकारियों के सवाल टाले जीतू सोनी से बीती रात महिला थाने में आईजी विवेक शर्मा, डीआईजी हरिनारायणचारी मिश्र तथा अन्य अधिकारियों ने अलग-अलग करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान उसने महाराष्ट्र तथा गुजरात में अपने करीबियों के साथ ही खेतों में भी फरारी काटने की बात स्वीकारी, लेकिन उससे कोई नई बातें नहीं उगलवा सके। वह अधिकारियों के सवाल को टालता रहा। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने शरण देने वालों के बारे में जानकारी चाही तो जीतू सोनी ने कहा कि वह मेरे अपने करीबी हैं। महिला थाना प्रभारी अनीता गहरवाल ने भी होटल माय होम में महिलाओं को रखे जाने संबंधी बातें पूछीं तो सोनी ने उलटे-सीधे जवाब देना शुरू कर दिए। जीतू द्वारा पुलिस के किसी भी सवाल का ढंग से उत्तर नहीं दिया जा रहा है। दिन में दो बार मेडिकल होगा जीतू सोनी के वकील अश्विन अध्यारू ने तीन अलग-अलग आवेदन प्रस्तुत किए थे, जिनमें से दो वकीलों की मुलाकात और हर दिन दो बार मेडिकल की मांग थी, जो मंजूर कर ली, लेकिन पूछताछ और रिमांड अवधि के दौरान वकील की मौजूदगी की अनुमति रद्द कर दी गई। जज ने कहा कि कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि वकील को रिमांड रूम में अनुमति दी जाए। एसटीएफ की टीम इंदौर पहुंची जीतू सोनी से पुलिस कड़ी सुरक्षा में पूछताछ कर रही है। सुरक्षा ऐसी की जिस महिला थाने में जीतू बंद है, उसे पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। जीतू से हनीट्रैप मामले में पूछताछ करने एसटीएफ की टीम भी इंदौर पहुंच चुकी है। एसटीएफ के अधिकारी भी उससे अलग-अलग मामलों में पूछताछ कर सबूत जुटाएंगे। थाने के बाहर कड़ी सुरक्षा पुलिस किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती, इसलिए थाने के आसपास बंदूकधारी पुलिसकर्मी भी तैनात कर दिए गए हैं। वहीं, सादी वर्दी में भी जवान गश्ती में लगे हुए हैं। आला अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों को सख्त हिदायत दी है कि मामले में किसी तरह की कोई रियायत न बरती जाए। डॉक्टरों ने स्वस्थ बताया पुलिस जीतू को सबूत की तलाश में अनूप नगर, सहित पुराने ठिकानों पर लेकर जा सकती है। मानव तस्करी के मामले में उसे पश्चिम बंगाल लेकर जाने की भी बात कही जा रही है। इसके पहले जीतू को मेडिकल चेकअप के लिए पुलिस रात में एमवाय अस्पताल लेकर पहुंची। जहां डॉक्टरों ने उसे पूरी तरह से स्वस्थ बताया। चाय नाश्ता लेकर पहुंचे कुछ लोग सोमवार सुबह जीतू से जुड़े कुछ लोग चाय और नाश्ता लेकर थाने पहुंचे थे, जिन्हें पुलिसकर्मियों ने बाहर से ही लौटा दिया। वहीं, 5 दिनों के लिए महिला थाने को पलासिया थाने पर शिफ्ट कर दिया गया है। हनीट्रैप मामले से जुड़ी खबरों से चर्चा में आया प्रशासन ने जीतू पर पहली बार 30 नवंबर 2019 को केस दर्ज किया था। इसके बाद एक-एक कर पुलिस ने हत्या, ब्लैकमेलिंग, धमकी और बलात्कार से जुड़े 64 केस दर्ज किए। प्रशासन के माफिया अभियान में जीतू का आलीशान बंगला, चर्चित 'माय होम होटल समेत कुछ अन्य होटल ढहाए गए। इसके साथ इंदौर से प्रकाशित होने वाले संझा लोकस्वामी अखबार की इमारत समेत तमाम संपत्तियों को जिला प्रशासन ने जमींदोज कर दिया था। कहा जाता है कि जीतू सोनी जिस अखबार का मालिक था, उसमें हनी ट्रैप से जुड़े बातचीत के कुछ अंश प्रकाशित हुए थे। आरोपों के मुताबिक, ये बातचीत 5 महिलाओं और तत्कालीन सरकार के एक मंत्री और मुख्य सचिव के बीच हुई थी। अखबार के वेब पोर्टल पर हनीट्रैप कांड से जुड़े वीडियो अपलोड किए गए थे, जिसके बाद जीतू के ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए। शिकायत के बाद एक्शन में आई थी पुलिस इंदौर नगर निगम के इंजीनियर हरभजन की शिकायत के बाद पुलिस एक्शन मोड में आई। 1 दिसंबर 2019 की रात पुलिस ने अखबार के मालिक जीतू उर्फ जितेंद्र सोनी और उनके बेटे अमित सोनी के गीता भवन चौराहा स्थित होटल माय होम, घर और दफ्तरों पर छापे मारे। पुलिस के मुताबिक, होटल माय होम में 67 युवतियां मिलीं, जिन्हें बंधक बनाकर जिस्मफरोशी करवाई जा रही थी। वहीं बंगले से पुलिस को हनीट्रैप कांड से जुड़े दस्तावेज, पेन ड्राइव, सीडी, 30 से ज्यादा प्लॉट, जमीनों की रजिस्ट्री मिली, जिनकी बाजार में कीमत 150 करोड़ से ज्यादा बताई गई। इसके बाद पुलिस ने जीतू, अमित और अन्य परिजन पर मानव तस्करी, आईटी एक्ट, आम्र्स एक्ट, प्रतिबंधात्मक और शासकीय कार्य में बाधा का केस दर्ज किया। अमित को गिरफ्तार कर लिया, जबकि जीतू सोनी फरार हो गया था। हिन्दुस्थान समाचार/घनश्याम डोंगरे-hindusthansamachar.in

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