चारधाम यात्रा में हर साल गुलजार रहने वाले धरासू के इस बार निकले आंसू
चारधाम यात्रा में हर साल गुलजार रहने वाले धरासू के इस बार निकले आंसू

चारधाम यात्रा में हर साल गुलजार रहने वाले धरासू के इस बार निकले आंसू

-कोरोना का कोहराम: हर गुजरते दिन के साथ बढ़ते सन्नाटे से व्यापारियों की टूटती उम्मीदें धरासू (उत्तरकाशी) , 23 जून (हि.स.)। बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है। अंदाजा लगाना मुश्किल है कि जून के महीने की यह स्थिति है। उस जून के महीने में जो चारधाम यात्रा के दौरान हमेशा गुलजार रहा है। यात्रियों की आवाजाही से उपजी गर्माहाट इस छोटे से कस्बे को हर बार इस महीने उल्लास से भरती रही है। मगर कोरोना काल ने स्थापित चीजों को ध्वस्त कर दिया है। यहां हर एक व्यक्ति के चेहरे पर खौफ है। चारधाम यात्रा के इस सीजन में चल निकलने की उम्मीदें वह छोड़ चुके हैं। हर गुजरते दिन के साथ व्यापारियों की उम्मीदें भी टूटती जा रही हैं। न सिर्फ गंगोत्री-यमुनोत्री यात्रा मार्ग, बल्कि बद्रीनाथ और केदारनाथ के यात्रा मार्गों पर इक्का-दुक्का लोगों की आवाजाही निराश करने वाली है। चारों धामों के कपाट खुले काफी दिन हो चुके हैं, लेकिन सिर्फ जिले के श्रद्धालुओं के लिए ही धामों में जाने की फिलहाल व्यवस्था की गई है। निगाहें 30 जून पर हैं। इसके बाद श्रद्धालुओं की आवाजाही पर सरकार को नए दिशा -निर्देश लोगों के सामने लाने हैं। यात्रा के लिहाज से सबसे अहम मई-जून महीने के खाली निकल जाने से यात्रा से जुडे़ व्यापार में सक्रिय लोग बेहद मायूस हैं। धरासू के पास के दुकानदार गिरीश मटूड़ा कहते हैं कि इस साल के यात्रा सीजन में हमारा कुछ भला अब नहीं हो सकता। अगले साल देखा जाएगा। उत्तरकाशी जिला इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि दो धाम गंगोत्री और यमुनोत्री यहीं पर हैं। बद्रीनाथ चमोली, तो केदारनाथा रुद्रप्रयाग जिले में हैं। धरासू कस्बे की काफी अहमियत है। यह दोनों धामों की यात्रा के लिहाज से केंद्रीय स्थल पर है। यानी दोनों धामों की ओर जाने वाले यात्रियों को यहां से होकर जाना होता है। पिछली बार इन दोनों धामों की यात्रा के लिए देश भर से करीब दस लाख लोग आए थे। वैसे न सिर्फ धरासू की यह स्थिति है, बल्कि उत्तरकाशी शहर समेत उन तमाम स्थानों के बाजारों का भी यही हाल है। यात्रा के पड़ावस्थल खाली हैं। उत्तरकाशी के होटल व्यवसायी पुलम सिंह कहते हैं-पिछले यात्रा सीजन में बूम आया था। स्थिति सामान्य रहती तो इस बार व्यापार पिछली बार से भी कहीं आगे जाता, लेकिन सब कुछ कोरोना की वजह से खराब हो गया । चारधाम यात्रा विकास परिषद के उपाध्यक्ष आचार्य शिव प्रसाद ममगांई का कहना है कि कोरोना से बचाव करते हुए कैसे यात्रा में ज्यादा से ज्यादा श्रद्धालुओं की भागीदारी सुनिश्चित की जा सकती है, सरकार इसके लिए लगातार विचार कर रही है। हिन्दुस्थान समाचार/विशेष संवाददाता/मुकुंद-hindusthansamachar.in

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