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धमतरी : अनुपयोगी जमीन में ली सब्जी की पैदावार, तीन माह में हुआ सवा लाख का मुनाफा

धमतरी, 23 जनवरी ( हि. स.)। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी गांव योजना के तहत प्रदेश सहित जिले में भी नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी का विकास कर लोगों को स्वरोजगार एवं स्वावलंबन की ओर अग्रसर किया जा रहा है। सरकार की यह योजना न सिर्फ आय का बेहतर विकल्प विकसित करने में सफल रही है, अपितु अनुपयोगी चीजों को भी उपयोग में लाकर उससे आत्मनिर्भर बनाने का हुनर पैदा कर रही है। ऐसा ही एक उदाहरण मगरलोड विकासखंड के ग्राम भेंड्री की महिलाओं ने पेश किया, जहां अनुपयोगी व खाली पड़ी दो एकड़ जमीन को विभागीय अभिसरण से उपजाऊ बनाकर उस पर सब्जी की पैदावार ले रही हैं। सहायक संचालक उद्यान डीएस कुशवाहा ने बताया कि लगभग साल भर पहले ग्राम भेंड्री में दो एकड़ भूखंड रिक्त पड़ा था, जो निष्प्रयोज्य था, जिसे मनरेगा तथा उद्यानिकी विभाग के अभिसरण से प्रस्ताव तैयार कर बाड़ी परियोजना के लिए स्वीकृत किया गया। उसे उपयोगी बनाने के लिए पहले बिहान के तहत गठित समूहों की महिलाओं को प्रेरित व प्रोत्साहित किया गया, जिसके बाद ‘नई किरण‘ नामक स्वसहायता समूह की महिलाएं भूखंड पर सब्जी की पैदावार लेने के लिए तैयार हुईं। इसके बाद उक्त जमीन का समतलीकरण कर उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में समूह की महिलाओं ने सामूहिक बाड़ी की कार्ययोजना बनाई। नई किरण स्वसहायता समूह की महिलाओं ने सघन प्रशिक्षण एवं तकनीकी जानकारी लेकर आधुनिक ढंग से भिंडी, बरबट्टी, बैंगन, टमाटर, करेला, मिर्च, प्याज आदि के अलावा गैंदा फूल और हल्दी की भी फसल लगाईं। उन्हें डीएमएफ मद से अनुदान पर सिंचाई की सुविधा को विस्तारित करने स्प्रिंक्लर भी प्रदान किया गया। विभागीय परामर्श व महिलाओं के परिश्रम से मात्र तीन महीने में ही सब्जी उत्पादित कर स्थानीय व समीप के बाजार में सब्जियां बेचकर एक लाख 25 हजार रुपये आमदनी हासिल की, जो कि उनके लिए काफी बड़ी राशि है। दस सदस्यीय समूह की अध्यक्ष कुंती साहू और सचिव टोमिन साहू ने बताया- ‘राज्य शासन की योजना के तहत जिला प्रशासन की मदद से वे आज आत्मनिर्भर पूरी तरह हो चुकी हैं। साल भर पहले वे दूसरे के खेतों में दिनभर रोजी-मजदूरी करके जीवन-यापन करना पड़ता था, लेकिन अब समूह के जरिए संगठित होकर आर्थिक ही नहीं, सामाजिक रूप से सक्षम, संबल और स्वावलंबी बन गई हैं।‘ ये महिलाएं प्रशिक्षण से पारंगत होकर सामूहिक बाड़ी के अलावा अपनी निजी बाड़ी में भी सब्जी की फसलें लेकर अतिरिक्त आय अर्जित कर रही हैं। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

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