dhamtari-power-shut-down-to-save-elephants-farmers39-paddy-and-vegetable-crops-started-drying-up
dhamtari-power-shut-down-to-save-elephants-farmers39-paddy-and-vegetable-crops-started-drying-up

धमतरी : हाथियों को बचाने बिजली बंद, किसानों का धान व सब्जी फसल सूखने लगी

धमतरी, 28 फरवरी ( हि. स.)I हाथियों को करंट से बचाने प्रभावित गांवों में शाम होते ही विद्युत बंद कर दिया जाता है, ताकि हाथियों का दल पोल पर झूलते तारों की चपेट में न आए। दूसरी ओर विद्युत बंद होने से बोर सिंचाई सुविधा के भरोसे रबी सीजन में धान फसल लेने वाले किसानों के खेत सूखने लगे हैं। वहीं सब्जी खेती भी सूखने लगी है, इससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। ग्राम तुमराबहार, कसावाही और विश्रामपुर के किसान रामकुमार मरकाम, बोधन नेताम, भुनेश्वर कुंजाम और द्वारका मरकाम ने बताया कि हाथियों का दल कसावाही के पहाड़ व जंगल क्षेत्र में पिछले कुछ दिनों से ठहरा हुआ है। शाम होते ही हाथी जंगल व पहाड़ क्षेत्र से निकलकर खेत खलिहान व गांव की ओर आते हैं, ऐसे में हाथियों को बचाने के लिए विद्युत विभाग बिजली बंद कर देता है। क्योंकि वनांचल गांव और जंगल क्षेत्रों में पोल की ऊंचाई 10 से 12 फीट है। इस ऊंचाई पर तार झूल रहे हैं। इस तार को हाथी अपने सूंड से आसानी से खींच सकते हैं, जिससे वे विद्युत करंट की चपेट में आ सकते हैं। सुरक्षा को देखते हुए बिजली बंद कर दी जाती है। लंबे समय से क्षेत्र के ग्रामीण विद्युत कटौती व बंद से परेशान हो गए हैं। हाथियों का दल इन गांवों से दूर जाने का नाम नहीं ले रहा है। अब गर्मी बढ़ने लगी है। आसमान में तेज धूप होने के कारण खेतों से पानी तेजी से सूख रहा है। दिन में 10 से 12 बार विद्युत कटौती और रातभर लाइट बंद रहने से बोर सिंचाई पूरी तरह से प्रभावित है। बोर के बंद रहने से खेतों में सिंचाई पानी नहीं भर पा रहा है। इससे धान फसल सूखने लगी है। चाहकर भी किसान कुछ नहीं कर पा रहे हैं। वहीं सब्जी फसल लेने वाले किसान भी परेशान हैं। बोर सिंचाई पानी के अभाव में सब्जियों के पौधे सूखने लगे हैं। विद्युत कटौती की शिकायत प्रभावित किसानों ने शुरुआत में कलेक्टोरेट में कर चुके हैं, लेकिन कोई हल नहीं निकला। प्रभावित किसानों की मांग है कि वन विभाग किसी तरह हाथियों को यहां से भगाए ताकि किसान अपना धान फसल बचा सके। विश्रामपुर के गढ़ियाबाबा में हाथियों का दल धमतरी रेंजर एमडी कन्नौजे ने बताया कि 28 फरवरी की अलसुबह हाथियों का दल ग्राम कसावाही से विश्रामपुर के गढ़िया बाबा क्षेत्र में बांध किनारे चला गया है। हाथियों का दल चाहे तो यहां से बरकछार होते हुए बालोद जिले की सीमा के ग्राम आमापानी की ओर फिर जा सकता है, लेकिन रात में हाथियों की दिशा किस ओर होगी, कुछ कह नहीं सकते। क्षेत्र में हाथियों की सुरक्षा को देखते हुए विद्युत बंद कर दिया जाता है। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in