dhamtari-on-the-urban-lines-community-toilets-will-also-be-built-in-villages-every-class-will-use-cleanliness-mission-and-mnrega-will-be-built
dhamtari-on-the-urban-lines-community-toilets-will-also-be-built-in-villages-every-class-will-use-cleanliness-mission-and-mnrega-will-be-built

धमतरी : शहरी तर्ज पर अब गांवों में भी बनेगा सामुदायिक शौचालय हर वर्ग करेंगे उपयोग, स्वच्छता मिशन व मनरेगा से बनाया जाएगा

धमतरी, 24 जनवरी ( हि. स.) । गांवों में कार्यक्रम होने पर अब बाहर से आने वाले लोग खुले में शौच नहीं करेंगे। इन लोगों के लिए शहरी तर्ज पर पंचायत व सामुदायिक भवनों के पास सामुदायिक शौचालय का निर्माण शीघ्र किया जाएगा। यह शौचालय स्वच्छता मिशन व मनरेगा योजना से बनाया जाएगा। खुले में शौच मुक्त गांव बनाने व पंचायतों को ओडीएफ घोषित करने स्वच्छता मिशन व मनरेगा योजना के तहत गांवों में घर-घर शौचालय बनाया गया। इससे पंचायत खुले में शौच मुक्त हो गया है, लेकिन शादी, मृत कार्यक्रम समेत गांव में अन्य कार्यक्रम होने पर बाहर से दूसरे गांवों से लोग पहुंचते हैं, तो वे खुले में शौच जाने मजबूर हो जाते हैं। ऐसे दिक्कतों को देखते हुए अब शासन द्वारा स्वच्छता मिशन व मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण शीघ्र कराया जाएगा। इसके लिए स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिला पंचायत के एपीओ धरम सिंह ने बताया कि अब सामुदायिक शौचालय का निर्माण ग्राम पंचायतों में किया जाएगा। यह शौचालय स्वच्छता मिशन व मनरेगा योजना के संयुक्त रूप से बनाया जाएगा। इसके लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रत्येक शौचालय साढ़े तीन लाख की लागत से बनाया जाएगा, जिसमें तीन लाख स्वच्छता मिशन और 50 हजार मनरेगा योजना से खर्च किया जाएगा। यह शौचालय ग्राम पंचायत व सामुदायिक भवनों के पास बनाया जाएगा। इस शौचालय के निर्माण के लिए ग्राम पंचायत एजेंसी होगी। सामुदायिक शौचालय बनाने का मुख्य उद्देश्य गांव में विशेष कार्यक्रम पर लोगों की भीड़ की वजह से खुले में शौच को रोकना है। बाकी के अन्य दिनों में इस शौचालय का उपयोग हर वर्ग के लोग भी कर सकते हैं। जिनके घरों में शौचालय नहीं है, वे इनका उपयोग कर सकते हैं। ताकि खुले में शौच पूरी तरह से बंद हो सके। इस शौचालय में पानी व अन्य सुविधा की जवाबदारी पंचायत की रहेगी। हिन्दुस्थान समाचार / रोशन-hindusthansamachar.in

Related Stories

No stories found.
Raftaar | रफ्तार
raftaar.in